बिलासपुर। झीरम घाटी केस में दरभा थाने में वृहत षड्यंत्र की जांच के लिए एफआईआर दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ता जितेंद्र मुदलियार को पक्षकार बनाये जाने के आवेदन पर उच्च न्यायालय के खंडपीठ ने अनुमति प्रदान की है. एनआईए ने एफआईआर की जांच राज्य पुलिस से स्वयं हस्तान्तरित करने की मांग की है, मामले की अंतिम सुनवाई 20 अप्रैल निर्धारित की है.

गौरतलब है कि झीरम घाटी घटना की एनआईए जांच पूरी हो जाने के बाद जितेंद्र मुदलियार एवम अन्य पीड़ित व्यक्तियों ने आरोप लगाया गया था कि एनआईए ने वृहत राजनैतिक षड्यंत्र की जांच नहीं की. इस आधार पर मार्च 2016 की पूर्ववर्ती सरकार ने वृहत षड्यंत्र की जांच के लिए सीबीआई से जाँच कराने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दी थी, लेकिन 13 दिसम्बर 2016 में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार को सूचित किया कि झीरम घाटी घटना में एनआईए ने पूर्ण जांच कर कर दी है, और अब आगे जांच की जरूरत नहीं है. दिसम्बर 2018 में नई सरकार मामले की जांच एसआईटी से कराने की घोषणा की और एनआईए से केस डायरी वापस मांग की, परन्तु एनआईए और केंद्र सरकार द्वारा केस डायरी वापस करने से इनकार कर दिया.

जितेंद्र मुदलियार ने 25 मई 2020 को द्वारा बस्तर पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत पर वृहत षड्यंत्र की जांच के लिए दरभा थाने में एफआईआर दर्ज की गई. इसके पश्चात जून 2020 में एनआईए ने विशेष अदालत में आवेदन लगाकर जांच स्टेट से ट्रांसफर करने की मांग की, जिसे विशेष अदालत ने निरस्त कर दिया. इसके बाद एनआईए ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की, जिस पर न्यायालय ने सुनवाई कर एफईआर पर कार्यवाही से स्थगन दिया था. शिकायतकर्ता जितेंद्र मुदलियार अपने अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव व संदीप दुबे की तरफ से हस्तक्षेप आवेदन दायर कर अपना पक्ष प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी थी. वहीं राज्य सरकार अपने जवाब के साथ स्थगन हटाये जाने का आवेदन दिया.

आज की सुनवाई में जितेंद्र मुदलियार की राहत प्रदान करते हुए न्यायालय ने अपना पक्ष रखने की अनुमति प्रदान करते हुए 20 अप्रैल को अंतिम सुनवाई तय की है. महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने उस तिथि पर किसी भी कारण से सुनवाई स्थगित ना करने का निवेदन किया है. उस पर न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि एनआईए द्वारा अगली तिथि में समय बढ़ाये जाने की मांग की तो प्रकरण में राज्य द्वारा दायर किये गए स्थगन हटाये जाने के आवेदन पर सुनवाई की जाएगी. आज एनआईए की तरफ से एएसजी रमाकांत मिश्रा उपस्थित हुए.