रायपुर। झीरम घटना पर न्यायिक जांच आयोग के राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपे जाने के साथ ही सियासत तेज हो गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि आखिर भारत सरकार किस तथ्य को छिपाना चाहती हैं, वे षड्यंत्र पर जांच क्यों नहीं कर रहे?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गवाही के लिए कुछ लोगों को बुलाया गया, कुछ ने गवाही नहीं दी. साथ ही उन्होंने सवाल किया कि क्या नाम पूछ-पूछ कर मारा गया, क्या ये राजनीतिक षड्यंत्र हैं? हमने आयोग को कई बिंदुओं पर पत्र लिखा है कि नंद कुमार पटेल, महेंद्र कर्मा को सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं दी गई?

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से लगातार सवाल उठाते रहे लेकिन केंद्र सरकार जवाब ही नहीं दे रही है. ये गुमराह करने वाली बात है, वे किसे बचाना चाह रहे सवाल इस बात का है. केंद्र सरकार राज्य सरकार को जांच करने क्यों नहीं दे रही, ये लोग षड्यंत्रकारियों को बचा रहे. यह लोग जानते हैं कि पड़यंत्र के पीछे कौन है, लेकिन सच को छुपाया जा रहा है.

झीरम घटना पर राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपे जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें विधि विभाग से अभिमत लिया जा रहा है कि ऑप्शन क्या है. मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दिया. एक तरफ जांच पूरी नहीं हुई, समय वृद्धि की मांग की जा रही है, दूसरी तरफ राज्यपाल को रिपोर्ट सौंप दिया गया, यह दोनों बात विरोधाभासी है. इसका मतलब है जांच पूरी नहीं हुई.

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जांच के नाम पर ढकोसला कर रही NIA

मुख्यमंत्री ने सवाल कि क्या आधी रिपोर्ट सौंपी गई? वह भी राज्यपाल को. पूरे देश में ऐसा होता है कि राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपा जाता है, न्यायिक रिपोर्ट विधानसभा की पटल पर ही रखी जाती है, राजभवन भेजे जाने की बाद मीडिया माध्यम से पता चली. वहीं बीजेपी नेताओं के जेब में सबूत लेकर चलने वाले बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा नेताओं का बयान गुमराह करने वाला है, मैं सबूत सार्वजनिक कर दूंगा तो जांच कौन करेगा? NIA किसी की गवाही नहीं ले रही है. NIA जांच के नाम पर ढकोसला कर रही है. NIA जानती है, षड्यंत्रकारी कौन है?

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