रायपुर। झीरम नरसंहार तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के माथे पर लगा कलंक का टीका है. वे इस कलंक से मुक्त नहीं हो सकते. वे इतने भयाक्रांत क्यों हैं. हम चाहते हैं कि इसके पीछे षड्यंत्र के पीछे कौन है सामने आए. इसलिए अधूरी जांच को आगे बढ़ाने दो नए सदस्यों की नियुक्ति की गई है. यह बात झीरम जांच रिपोर्ट को लेकर प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कही.

राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के साथ मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि हम बार-बार कह रहे हैं और आज भी कह रहे हैं षड्यंत्र हुआ है. इस राजनीतिक हत्याकांड के पीछे षड्यंत्र में कौन शामिल है, सामने आना ही चाहिए.

उन्होंने कहा कि डॉ. रमन सिंह और भाजपा सौ बार असत्य बोल कर, मनगढंत आरोप लगाकर कुछ न कुछ छुपाने के कार्य कर रहे हैं. भाजपा राजभवन को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने दें. राजभवन को इससे बचाए. यदि राजनीति करना है तो बाहर खुला मैदान बहुत है. न्यायिक जांच रिपोर्ट राजभवन में रहने के 6 दिन बाद रिपोर्ट सरकार को दी गई. सरकार को तो उसी दिन रिपोर्ट मिलनी चाहिए थी.

गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि भाजपा के लोग जिस तरह का आरोप लगा रहे हैं तो रिपोर्ट लीक हुई कैसे हुई? सारी बात भाजपा तक पहुंची कैसे ? जब आयोग ने कहा कि जांच अधूरी है तब हमने 2 सदयीय टीम बनाई. इससे डॉ.रमन सिंह और भाजपा को डर क्यों हैं? इसमें केंद्र सरकार भी किसको बचना चाह रही है? क्यों केंद्र सरकार इसको रोकने का प्रयास कर रही?