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रायपुर। झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच कर रहे जस्टिस प्रशांत मिश्रा के आयोग के सामने कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने शपथ पत्र पेश किया है. जिसे आयोग ने स्वीकार कर लिया है. अब 10 अक्टूबर को गवाही के लिए बुलाया गया है. जहां शैलेश नितिन कर्मा और पटेल सहित कांग्रेसियों के नरसंहार से जुड़े कई अहम खुलासे कर सकते हैं.
जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग के कार्यक्षेत्र में पांच नए बिंदुओं को सम्मिलित किया गया है. इन्हीं पांच बिंदुओं पर कांग्रेस नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी ने प्रशांत मिश्रा जांच आयोग के सामने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है. इन बिंदुओं में..
- महेंद्र कर्मा की सुरक्षा और प्रोटेक्शन रिव्यु ग्रुप द्वारा उनकी सुरक्षा की समीक्षा.
- महेंद्र कर्मा के द्वारा नवंबर 2012 में उन पर हुए हमले के बाद अतिरिक्त सुरक्षा की मांग पर कार्यवाही.
- नंदकुमार पटेल के काफिले पर जुलाई 2011 में गरियाबंद में हुए हमले के बाद पटेल की सुरक्षा मानकों.
- सुरक्षा आवश्यकताओं के साथ-साथ नक्सली इलाके में यात्रा के लिए बल प्रदाय के दिशा निर्देश.
- नक्सल विरोधी ऑपरेशन में यूनिफाइड कमांड की भूमिका प्रमुख हैं.
इन सभी बिंदुओं पर शैलेश नितिन त्रिवेदी ने जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग के सामने अपना शपथ पत्र प्रस्तुत किया है जिसके साथ बहुत सारी संलग्निकायें सम्मिलित हैं.
बता दें कि 25 मई 2013 को बस्तर के झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर ताबड़तोड़ हमला कर 35 नेताओं और कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया था. इस हमले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा, पूर्व विधायक उदय मुदलियार को नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया था.