रायपुर. झीरम हमले के शहीदों की याद में प्रदेशभर में 25 मई को झीरम श्रद्धांजलि दिवस मनाया जाएगा. इसका आदेश सामान्य प्रशासन विभाग छग शासन के संयुक्त सचिव संजय अग्रवाल ने सभी कलेक्टरों को जारी किया है.
25 मई को सभी शासकीय और अर्द्ध शासकीय कार्यालयों में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी. दो मिनट मौन धारण कर झीरम नक्सली हिंसा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. इस दौरान सभी नक्सलवाद व हिंसा से डटकर सामना करने का संकल्प लेंगे.
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जानिए पूरी घटना के बारे में
साल 2013 के अंत में विधानसभा चुनाव होने थे. 10 सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही थी. इसी कड़ी में कांग्रेस ने पूरे राज्य में परिवर्तन यात्रा निकालने की तैयारी की. 25 मई के दिन कांग्रेस ने सुकमा में परिवर्तन रैली आयोजित की. रैली खत्म होने के बाद कांग्रेस नेताओं का काफिला सुकमा से जगदलपुर जा रहा था. काफिले में करीब 25 गाड़ियां थीं, जिनमें 200 नेता सवार थे. शाम करीब 4 बजे काफिला झीरम घाटी से गुजर रहा था. यहीं पर नक्सलियों ने पेड़ों को गिराकर रास्ता बंद कर दिया. गाड़ियां रुकीं और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, पेड़ों के पीछे छिपे 200 से ज्यादा नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस हमले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश की मौके पर ही मौत हो गई.
महेंद्र कर्मा के शव पर चढ़कर किया था डांस
शाम के करीब साढ़े 5 बजे नक्सली पहाड़ों से उतर आए और एक-एक गाड़ी चेक करने लगे. जो लोग जिंदा थे उन्हें बंधक बनाया जा रहा था. इसी बीच एक गाड़ी से महेन्द्र कर्मा नीचे उतरे और कहा कि ‘मुझे बंधक बना लो, बाकियों को छोड़ दो’. नक्सलियों ने महेंद्र कर्मा की थोड़ी दूर ले जाकर बेरहमी से हत्या कर दी. हमले में 30 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई. कांग्रेस के उस वक्त के अधिकांश बड़े नेता और सुरक्षा बल के जवान शहीद हुए. बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा के शरीर पर करीब 100 गोलियां दागीं और चाकू से 50 से ज्यादा वार किए. हत्या के बाद नक्सलियों ने उनके शव पर चढ़कर डांस भी किया था.