Jhulan Utsav 2025: क्या आपने कभी सोचा है कि जन्माष्टमी से पहले ही कृष्ण भक्त झूले क्यों सजाने लगते हैं? इसका कारण सिर्फ परंपरा नहीं है, बल्कि श्रीकृष्ण के बालरूप से जुड़ी एक भावनात्मक भक्ति भी है. झूलन उत्सव की शुरुआत होती है श्रावण शुक्ल एकादशी से, जिसे झूलन एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन से लेकर जन्माष्टमी (अष्टमी तिथि) तक भगवान श्रीकृष्ण को झूले पर बैठाकर प्रेमपूर्वक झुलाया जाता है.
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Jhulan Utsav 2025
यह झूला केवल रस्म नहीं है, बल्कि श्रीकृष्ण के बालस्वरूप के प्रति हमारी श्रद्धा और वात्सल्य का प्रतीक है. मंदिरों में विशेष झूले सजते हैं, घरों में लड्डू गोपाल के लिए फूलों और कपड़ों से रेशमी झूले बनाए जाते हैं. रोज़ भजन, आरती और सेवा के साथ यह झूलन उत्सव मनाया जाता है.
Jhulan Utsav 2025. इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 में मंगलवार, 26 अगस्त को मनाई जाएगी. इस दिन रात 12 बजे श्रीकृष्ण का प्राकट्य महोत्सव होगा. तभी उनका झूला सबसे अधिक भक्ति और प्रेम से झुलाया जाता है.
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