रायपुर। सिंधी समाज के इष्टदेव भगवान झूलेलाल की न्यू राजेंद्र नगर केनाल रोड रायपुर में विश्व की सबसे बड़ी 56 फीट प्रतिमा का निर्माण सिंधी समाज द्वारा कराया गया है. विश्व के अनेक देशों में सिंधी समाज के लोग निवासरत हैं, लेकिन कहीं भी इतनी ऊंची प्रतिमा नहीं है.

हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया चेटीचंड और झूलेलाल जयंती मनाई जाती है. ये दिन सिंधी समाज के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन से ही सिंधी हिंदूओं का नया साल शुरू होता है. चेटीचंड के दिन सिंधी समुदाय के लोग भगवान झूलेलाल की श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं. मान्यताओं के अनुसार संत झूलेलाल वरुण देव के अवतार माने जाते हैं.

न्यू राजेंद्र नगर केनाल रोड रायपुर में स्थापित भगवान झूलेलाल की प्रतिमा.

चेटी चंड 2023 डेट

पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 21 मार्च 2023 को रात 10 बजकर 52 शुरू होगी और 22 मार्च 2023 को रात 08 बजकर 20 मिनट पर खत्म होगी. चेटीचंड का त्योहार 22 मार्च 2023 को मनाया जाएगा.

चेटी चण्ड मूहूर्त – शाम 06 बजकर 32 – रात 07 बजकर 14 (अवधि 42 मिनट)

चेटीचंड पर्व का महत्व

चैत्र मास को सिंधी में चेट कहा जाता है और चांद को चण्ड, इसलिए चेट्री चंद्र का अर्थ हुआ चैत्र का चांद. चेटी चंड को अवतारी युगपुरुष भगवान झूलेलाल के जन्म दिवस के रूप में जाना जाता है. भगवान झूलेलालजी को जल और ज्योति का अवतार माना गया है.

कहते हैं प्राचीन काल में जब सिंधी समाज के लोग जलमार्ग से यात्रा करते थे. ऐसे में वे अपनी यात्रा को सकुशल बनाने के लिए जल देवता झूलेलाल से प्रार्थना करते थे और यात्रा सफल होने पर भगवान झूलेलाल का आभार व्यक्त किया जाता था. इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए चेटीचंड का त्योहार माना जाता है. मान्यता भगवान झूलेलाल की पूजा से व्यक्ति की हर बाधा दूर होती है और व्यापार-नौकरी में तरक्की के राह आसान होती है.

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