Jio Coin: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी नई क्रिप्टोकरेंसी जियोकॉइन के साथ ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र में कदम रखा है. जियोकॉइन को एथेरियम लेयर 2 पर बनाया गया है और यह फिलहाल पॉलीगॉन प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड है. हालांकि, कंपनी ने अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन जियोस्पीयर वेब ब्राउज़र उपयोगकर्ता, एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर, इसे देख रहे हैं.
जियोकॉइन क्या है?
रिलायंस के FAQ सेक्शन के अनुसार, जियोकॉइन एक ब्लॉकचेन-आधारित रिवॉर्ड टोकन है. उपयोगकर्ता इसे विभिन्न मोबाइल और इंटरनेट-आधारित ऐप्स के साथ इंटरैक्ट करके कमा सकते हैं, बशर्ते वे जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड (JPL) द्वारा तय किए गए ऐप्स का उपयोग करें.
उपयोगकर्ताओं को MyJio, JioCinema और अन्य जियो ऐप्स के साथ जुड़ने पर वेब 3 टोकन मिलेंगे, जो उनके पॉलीगॉन वॉलेट में जमा होंगे. जियोस्पीयर ब्राउज़र का उपयोग करके इंटरनेट ब्राउज़ करने पर भी उपयोगकर्ता मुफ्त में जियोकॉइन कमा सकते हैं.
Jio Coin का उपयोग और संभावनाएं
अभी तक जियोकॉइन के मूल्य और ट्रेडिंग प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी नहीं है. हालांकि, कयास लगाए जा रहे हैं कि इन टोकन्स का उपयोग मोबाइल रिचार्ज, यूटिलिटी बिल भुगतान, और जियो द्वारा संचालित अन्य सेवाओं में किया जा सकता है.
कंपनी जल्द ही जियोकॉइन की आधिकारिक घोषणा कर सकती है, जिसमें इसके मूल्य, क्षमताओं और उपयोगिताओं का खुलासा किया जाएगा.
क्रिप्टोकरेंसी पर भारतीय कर नीति और सुरक्षा चिंताएं
भारत में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर 30% टैक्स और 1% TDS लागू है, जो जियोकॉइन पर भी लागू होगा. हालांकि, देश में क्रिप्टो के प्रति भावना WazirX जैसे सिक्योरिटी ब्रीच के बाद नकारात्मक रही है, लेकिन ब्लॉकचेन-आधारित मुद्राओं की वैश्विक लोकप्रियता और बिटकॉइन जैसे टोकन्स के बढ़ते मूल्य ने इस क्षेत्र में रुचि बनाए रखी है.
रिलायंस का कदम क्यों खास है? (Jio Coin)
रिलायंस का जियोकॉइन पेश करना भारत में ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इसकी उपयोगिता और उपयोगकर्ता-फ्रेंडली दृष्टिकोण इसे व्यापक स्तर पर अपनाने में मदद कर सकता है.
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