रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने सोमवार को घोषणा की कि उसने देशभर में मौजूद 22 टेलीकॉम सर्किल लाइसेंस सर्विस क्षेत्रों (LSA) में से हर सर्किल में अपने 5जी कनेक्टिविटी (Jio 5G connectivity) न्यूनतम रोल-आउट जिम्मेदारियों को पूरा कर लिया है. कंपनी के मुताबिक, हर स्पेक्ट्रम बैंड में, स्पेक्ट्रम की शर्तों के तहत समय से पहले 17 अगस्त 2022 को इसे आवंटित किया गया. कंपनी ने 19 जुलाई 2023 को अपना सबमिशन पूरा कर लिया. खबर के मुताबिक, जियो ने हर सर्किल में 26GHz एमएम-वेव स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किया है. इससे यूजर्स को हाई क्वालिटी वाली स्ट्रीमिंग सर्विस मिलेगी.
Jio ने लो-बैंड, मिड-बैंड और mmWave स्पेक्ट्रम का एक अनूठा संयोजन हासिल किया, जो अपने गहरे फाइबर नेटवर्क और स्वदेशी तकनीक प्लेटफार्मों के साथ मिलकर Jio को हर जगह 5G और सभी के लिए 5G प्रदान करने में सक्षम करेगा. Jio के पास सबसे ज्यादा स्पेक्ट्रम फुटप्रिंट है. जियो के पास 22 सर्किल में से हर एक में मिलिमीटर वेव बैंड (26 गीगाहर्ट्ज) में 1,000 मेगाहर्ट्ज भी है.
5G नेटवर्क के लिए लगातार काम कर रहा है जियो
Jio इंजीनियर्स ने अपने ट्रू 5G नेटवर्क के सबसे तेज रोलआउट को सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम किया है, जिससे यह दुनिया में इस पैमाने का सबसे तेज 5G रोलआउट बन गया है. इस 77वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर, Jio mmWave-आधारित Jio True-5G बिजनेस कनेक्टिविटी के ऑल इंडिया रोलआउट के साथ ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है.