पटना। बिहार में नई सरकार के गठन के कुछ दिन बाद केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राज्य में लागू शराबबंदी कानून को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। शुक्रवार को पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में मांझी ने कहा कि शराबबंदी कानून अपने आप में सही है लेकिन इसका क्रियान्वयन बेहद कमजोर है। उन्होंने साफ कहा कि कानून लागू करने में दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है।

गरीबों पर कार्रवाई, अमीरों को राहत?

जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया कि शराब से जुड़े मामलों में बड़े और रसूखदार लोगों पर कार्रवाई नहीं होती जबकि गरीबों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया जाता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि शराबबंदी के तहत गरीब लोगों पर दर्ज सभी मुकदमों को पूरी तरह खत्म किया जाए। मांझी के इस बयान के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी मांग मानेंगे।

शराब पर क्या बोले मांझी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे खुद ऐसे परिवार से आते हैं जहां कभी शराब बनाई और बेची जाती थी लेकिन उन्होंने कभी शराब का सेवन नहीं किया। उन्होंने कहा कि शराब पीने वाला इंसान धीरे-धीरे राक्षस बन जाता है और इसी वजह से शराबबंदी जरूरी है।

सम्राट चौधरी से बड़ी उम्मीद

मांझी ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से उम्मीद जताते हुए कहा कि यदि उन्हें फ्री हैंड दिया जाए तो शराब तस्करों और माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। उन्होंने मांग की कि शराब तस्करों की संपत्ति पर बुलडोजर एक्शन चलाया जाए।

रोहिणी आचार्य और तेजस्वी पर तंज

रोहिणी आचार्य के एक्स पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए मांझी ने कहा कि बिहार में बेटियां सुरक्षित हैं और सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर है। वहीं शिवानंद तिवारी द्वारा तेजस्वी यादव के बिहार से बाहर जाने पर उठाए सवाल पर उन्होंने कहा कि अब सीख देने का समय निकल चुका है।