कुंदन कुमार/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में टिकारी सीट को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो पर केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने साफ शब्दों में सफाई दी है। उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो को संदर्भ से अलग कर पेश किया गया है और इससे गलत संदेश फैलाया जा रहा है। मांझी ने स्पष्ट किया कि उनके बयान का आशय चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाना नहीं बल्कि पुनर्मतगणना (रीकाउंटिंग) के महत्व को समझाना था।

रीकाउंटिंग से बदल सकते हैं नतीजे

मांझी ने कहा कि चुनाव के दौरान कई बार ऐसा होता है कि मतगणना के बाद रीकाउंटिंग की मांग की जाती है और उससे परिणाम बदल जाते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि हालिया चुनाव में एक जगह एनडीए उम्मीदवार एक वोट से हार गया जबकि दूसरी सीट पर 27 वोट से जीत दर्ज की गई। इसी संदर्भ में उन्होंने कहा कि अगर टिकारी सीट पर भी रीकाउंटिंग की मांग होती तो नतीजा अलग हो सकता था।

टिकारी सीट की हार के लिए उम्मीदवार जिम्मेदार

केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि टिकारी विधानसभा सीट पर हार के लिए HAM उम्मीदवार अनिल कुमार स्वयं जिम्मेदार हैं। मांझी के अनुसार जैसे ही अनिल कुमार मतगणना में पिछड़े वे बिना किसी औपचारिक प्रक्रिया के मैदान छोड़कर चले गए। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार को चुनाव अधिकारी के समक्ष रीकाउंटिंग की मांग करनी चाहिए थी जो हर चुनाव में एक सामान्य प्रक्रिया होती है।

1990 का अनुभव साझा किया

अपने राजनीतिक अनुभव का हवाला देते हुए मांझी ने बताया कि वे खुद 1990 में 27 वोट से चुनाव हार गए थे लेकिन उस समय उन्होंने रीकाउंटिंग की मांग नहीं की थी। उनका मानना है कि अगर उस वक्त पुनर्मतगणना होती तो संभव है कि परिणाम उनके पक्ष में जाता।

2020 चुनाव और डीएम अभिषेक सिंह का जिक्र

मांझी ने 2020 विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि गया जी के तत्कालीन डीएम अभिषेक सिंह सक्षम और निष्पक्ष अधिकारी थे। उस समय रीकाउंटिंग की मांग की गई थी और प्रक्रिया के तहत अनुमति दी गई थी। उन्होंने साफ किया कि यह पूरी तरह प्रशासनिक प्रक्रिया थी इसमें किसी तरह की सेटिंग नहीं थी।

ईवीएम पर कोई सवाल नहीं

ईवीएम को लेकर उठ रहे आरोपों को खारिज करते हुए मांझी ने कहा कि चुनावी मशीनरी पूरी तरह सही है। उन्होंने कहा कि असली समस्या उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं के मनोबल से जुड़ी होती है। कई बार हताशा में उम्मीदवार आखिरी तक लड़ाई नहीं लड़ते जिसका नुकसान पार्टी को उठाना पड़ता है।

विवाद की पृष्ठभूमि

गौरतलब है कि इस बार HAM ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा जिनमें से 5 पर जीत दर्ज की। पार्टी को केवल टिकारी सीट पर हार मिली, जहां अनिल कुमार 2058 वोट से पराजित हुए। 2020 में इसी सीट पर वे रीकाउंटिंग के बाद 2630 वोट से जीते थे। इसी तुलना से जुड़ा मांझी का पुराना बयान अब वायरल होकर विवाद का कारण बना है।

राजद ने चुनाव आयोग से की मांग

वहीं राजद नेता गौतम कृष्णा ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बयान पर कहा जीतन राम मांझी का जो बयान है वह स्वीकार करने वाला बयान है। मैं मांग करता हूं कि चुनाव आयोग जल्द से जल्द एक टीम गठित करे और इन(बिहार विधानसभा) चुनावों की तुरंत निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।