कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु अविनाश शर्मा समेत 19 प्रोफेसर्स पर EOW ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। कुलगुरु समेत इन इन प्रोफेसर्स पर फर्जी कॉलेज को आर्थिक लाभ पहुंचाने के गंभीर आरोप गए हैं। वहीं इस फर्जीवाड़े को उजागर करने वाले डॉ अरुण शर्मा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से खुद की और अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई है।
डॉ अरुण शर्मा ने जान को बताया खतरा
दरअसल EOW में मामले की शिकायत कर जीवाजी विश्वविद्यालय के इस कारनामे को उजागर करने वाले डॉ अरुण शर्मा का कहना है कि उन्होंने जीवाजी विश्वविद्यालय के बड़े भ्रष्टाचार को उजागर किया है जिसके चलते उनकी जान को खतरा बना हुआ है। यह मामला 18 मई 2023 को उनके संज्ञान में आया था,उससे पहले उन्हें खुद कोई जानकारी नहीं थी कि डॉ अरुण शर्मा यानी उन्हें दो कॉलेज में प्रिंसिपल बनाया गया है। पहला आर्यान्श कॉलेज धनेली मुरार और दूसरा शिव शक्ति कॉलेज झुंडपुरा तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना है। जब यह धोखा मालूम चला तो हैरानी हुई। इस पूरे मामले की शिकायत जीवाजी विश्वविद्यालय के तत्कालीन रजिस्टर को की गयी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, उल्टा उन्हें निशाने पर लेटे हुए 10 अगस्त 2023 को जीवाजी विश्वविद्यालय की मानसेवी शिक्षक व्यवस्था से ही टर्मिनेट कर दिया गया। ऐसे में जब आरटीआई के जरिये इसके दस्तावेजों को देखा तो इसमें कुलगुरु अविनाश तिवारी सहित 19 प्रॉफेसर की संलिप्तता उजागर हुई।
सीएम मोहन यादव से लगाई सुरक्षा की गुहार
हैरानी यह थी कि जो कॉलेज जमीन पर पूरे विश्व मे ही नही है, उसे सम्बद्धता जीवाजी विश्वविद्यालय ने कैसे और क्यों दी? डॉ अरुण शर्मा का कहना है कि उनकी एक पत्नी और एक बच्चा है, इसलिए उन्हें खुद के साथ अपने परिवार की जान का खतरा है। पुलिस को भी चार पत्र लिख कर सुरक्षा मांगी है, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, ऐसे में अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से हो उम्मीद है कि वह उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने में मदद करें।
मामले के खुलासे के बाद EOW ने दर्ज किया केस
आपको बता दे कि ग्वालियर निवासी अरुण कुमार शर्मा ने मामले की शिकायत EOW में की थी। जिसमें आरोप लगाए गए थे कि मुरैना के झुंडपुरा में निजी कॉलेज को फर्जी तरीके से मान्यता दी गई है। कॉलेज को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्कॉलरशिप सहित अन्य लाभ भी दिलाए गए हैं। मामला शिव शक्ति महाविद्यालय झुंडपुरा का है, जहां फर्जी दस्तावेज के आधार पर मान्यता लेकर शासन को लाखों रुपए का चूना लगाया गया। मामले का खुलासा और जांच के बाद EOW में धारा 420, 409, 467,68, 120 B, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत केस दर्ज किया है।
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