Darakhshan Andrabi: जम्मू-कश्मीर स्थित हजरतबल दरगाह में लगे शिलापट्टी से अशोक स्तंभ चिन्ह (Pillars of Ashoka) को हटाने का मामला गरमा गया है। राष्ट्रीय चिन्ह के साथ इस तरह के बर्ताव पर बीजेपी हमलावर है। वहीं सीएम उमर अब्दुल्ला और पूर्व सीएम महबूबा मुफ़्ती ने इशारों-इशारों में तोड़फोड़ करने वालों का समर्थन किया है। इसे लेकर प्रदेश की राजनीति भी गर्म है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 20 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। इन सबके बीच चर्चा में आ गई हैं बीजेपी की महिला नेता दरख्शां अंद्राबी। जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड चीफ और बीजेपी नेत्री दरख्शां अंद्राबी ने आशोक चिन्ह हटाने वालों को आतंकवादी बताया है और इनको गिरफ्तार किए जाने की मांग की है। वहीं द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) नाम के संगठन ने सोशल मीडिया पर जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन डॉ. दरख्शां अंद्राबी को जान से मारने की धमकी दी है।

इधर अंद्राबी ने घटना को राजनीतिक षड्यंत्र करार देते हुए कहा कि हमला केवल संपत्ति पर नहीं बल्कि आस्था और संविधान पर है. उन्होंने दावा किया कि पुलिस को पहले ही चेतावनी दी गई थी। साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) सहित जम्मू-कश्मीर की पार्टियों ने हजरतबल दरगाह के अंदर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह रखकर मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने” के आरोप में जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख़्शां अंद्राबी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

जहां एक तरफ कुछ दल अंद्राबी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी ने अशोक स्तंभ लगाने का विरोध करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है। अंद्राबी ने कहा कि जिन लोगों को अशोक स्तंभ के इस्तेमाल से समस्या है, उन्हें दरगाह जाते समय प्रतीक चिह्न वाले नोट नहीं ले जाने चाहिए। इसी के साथ उन्होंने शिलापट्टी को तोड़ने वालों को आतंकवादी तक कह दिया. उन्होंने कहा, कि इस कृत्य को अंजाम देने वाले किसी आतंकवादी से कम नहीं हैं।

कुछ लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं

देखते ही देखते दरगाह के इस मामले ने सियासी रुख ले लिया है। दरगाह में अशोक स्तंभ वाली शिलापट्टी को तोड़े जानी की घटना को दरख्शां अंद्राबी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, कुछ लोग इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने हजरतबल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा, यह घटना पत्थर पर दाग नहीं है, यह मेरे दिल पर दाग है. यह संविधान पर एक दाग है, जिसे यहां के चुने हुए नेता उभारते हैं। क्या यहां के नेता प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल नहीं करते? क्या हमारे चुने हुए मुख्यमंत्री प्रतीक चिह्न साथ नहीं ले जाते?

पत्थर पर नहीं, यह दरगाह के दिल पर चोट

वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने दरगाह के प्रतीक को तोड़ा, वे राजनीतिक विरोधियों के इशारे पर काम कर रहे थे। उन्होंने कहा, “यह चोट सिर्फ पत्थर पर नहीं थी, यह दरगाह के दिल पर चोट थी। यह संविधान पर हमला था जिसकी शपथ यहां के चुने हुए नेता लेते हैं।

कौन हैं दरख्शां अंद्राबी?

डॉ. दरख्शां अंद्राबी जम्मू और कश्मीर की एक प्रमुख बीजेपी नेता हैं। वो बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य, जम्मू और कश्मीर बीजेपी की कोर ग्रुप सदस्य और पार्टी की प्रवक्ता हैं। इसके साथ ही वो जम्मू और कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष भी हैं। डॉ. अंद्राबी ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर से उर्दू साहित्य में पीएचडी की है। उन्होंने साल 2008 में पीएचडी की।

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