भूपेंद्र चौहान, रायगढ़- डिलीवरी के लिए आई महिला को जिले के जेएमजे मॉर्निंग स्टार हॉस्पिटल के प्रबंधकों ने बंधक बना लिया. पैसे का भुगतान करने की मांग को लेकर उन्हें प्रताड़ित किया गया. जबकि डॉक्टर महिला के बच्चे को भी बचा नहीं पाए. वह दोहरी दुख से बिलखती रही. लेकिन निष्ठुर प्रबंधक लगातार पैसे की मांग किए जा रहे थे.

दरअसल महिला के परिवार ने गरीब होने से इलाज के लिए पूरे पैसा एक साथ देने में असमर्थता जताई. बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधक नहीं माने. तब परिजनों ने स्मार्ट कार्ड दिया और 24 घंटे बाद प्रबंधन के द्वारा स्मार्ट कार्ड का अप्रूवल नहीं होना बताया, और लगातार पैसे की मांग कर परिवार को मानसिक प्रताड़ना देते रहे.

गरीब परिवार 12 हजार रुपए अपने रिश्तेदारों से लेकर देने को तैयार था. मगर प्रबंधन 35 हजार रुपए जमा करने की बात पर अड़ा रहा. इन्हीं बातों को लेकर महिला को हॉस्पिटल से छुट्टी नहीं दिया, जबकि उस महिला के बच्चे को भी डॉक्टरों ने बचा नहीं सका और महिला की हालत भी नाजुक बनी हुई है.

रायगढ़ के जेएमजे मॉर्निंग स्टार हॉस्पिटल पर इस तरह के कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण बुधवार को देखने को मिला. 27 दिसंबर से डिलीवरी के लिए आई महिला को हॉस्पिटल प्रबंधन के द्वारा बंधक बनाया गया. महिला के पति ने जब पुलिस में इसकी जानकारी की. तब पुलिस अधीक्षक ने त्वरित कार्रवाई कर बंधक परिवार को छुड़वाया, फिर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया.

वहीं इस मामले पर जेएमजे मॉर्निंग स्टार हॉस्पिटल प्रबंधक का कहना है कि महिला को बंधक नहीं बनाया गया था. परिजनों को एंबुलेंस की व्यवस्था कर ले जाने की बात कही थी.

पुलिस के सहयोग से विवाद खत्म

मामला एडिशनल एसपी के संज्ञान में आने के बाद चक्रधर नगर स्टॉफ को भेजकर जानकारी ली, जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने 35 हजार का बिल होना बताया. ग्रामीण 12 हजार जमा कर बाद में बाकी पैसा देने की बात कही. इसी को लेकर विवाद हो गया. पुलिस के सहयोग से विवाद खत्म किया गया.