भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ गया है. जबकि दोनों देशों ने सीजफायर की घोषणा की है, स्थिति अभी भी नियंत्रण में नहीं आई है. इस बीच, तुर्किए ने पाकिस्तान का समर्थन करने का ऐलान किया, जिसके जवाब में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) ने तुर्किए की इनोनू यूनिवर्सिटी के साथ अपने एमओयू को निलंबित कर दिया है. जेएनयू ने इस निर्णय का आधार देश की सुरक्षा को बताया है और इस संबंध में जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से साझा की है.

JNU ने ट्वीट में लिखी यह बात

जेएनयू ने तुर्किए की इनोनू यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू को रद्द करने की जानकारी देते हुए ट्वीट किया है. विश्वविद्यालय ने कहा कि देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह समझौता अगले आदेश तक निलंबित किया जा रहा है. जेएनयू ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपने देश के साथ मजबूती से खड़ा है और इस संदर्भ में #NationFirst हैशटैग का उपयोग किया.

तुर्किए से नाराज हैं भारत के लोग

भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में छिपे आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया. इस पर तुर्किए ने नाराजगी व्यक्त करते हुए पाकिस्तान का समर्थन किया, जिससे भारत के नागरिकों में आक्रोश फैल गया. कई लोगों ने तुर्किए में अपनी बुकिंग रद्द कर दी है.

कब साइन किया गया था MOU?

जेएनयू की वेबसाइट के अनुसार, यह एग्रीमेंट 3 फरवरी 2025 को तीन वर्षों के लिए हस्ताक्षरित किया गया था, जो 3 फरवरी 2028 तक प्रभावी रहने वाला था. हालांकि, देश की सुरक्षा के मद्देनजर जेएनयू ने इसे निलंबित कर दिया है. यह निर्णय उस समय लिया गया जब सरकार ने तुर्की के न्यूज ब्रॉडकास्टर टीआरटी वर्ल्ड के एक्स अकाउंट पर भारत में प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि यह चैनल भारत के खिलाफ गलत सूचनाएं प्रसारित कर रहा था. इसके परिणामस्वरूप, देश में तुर्की के उत्पादों और सेवाओं के खिलाफ विरोध बढ़ने लगा है.