Jodhpur Marriage: जोधपुर में भाजपा नेता और विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने अपने बेटे की शादी को सामाजिक बदलाव का उदाहरण बना दिया। उन्होंने न केवल दहेज लेने से इनकार किया, बल्कि शादी को पूरी तरह से नशामुक्त रखा। आमतौर पर उनके समाज में शादियों में शराब परोसी जाती है, लेकिन उन्होंने इस परंपरा को तोड़ते हुए समाज को नशा मुक्त विवाह का संदेश दिया।

विकास कोष में दान किए 11 लाख रुपये
बाबू सिंह राठौड़ ने शादी में शराब पर खर्च होने वाले 11 लाख रुपये समाज के विकास कोष में दान कर दिए। उनका कहना है कि यह पैसा गरीब बच्चों और बच्चियों की शिक्षा व जरूरतों में खर्च होना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि शादी-विवाह में फिजूलखर्ची करने की बजाय जरूरतमंदों की मदद करें।
”मेरे घर में बहू नहीं, बेटी आई है”
दहेज प्रथा पर प्रहार करते हुए राठौड़ ने कहा कि कुछ लोग बालिकाओं को ‘खरीदने’ की सोच रखते हैं, जो समाज के लिए हानिकारक है। उन्होंने अपनी बहू को बेटी की तरह अपनाने की बात कही और कहा कि उनके घर में बहू नहीं, बल्कि बेटी आई है। उनका मानना है कि एक लड़की जब ससुराल आती है, तो उसे कभी यह महसूस नहीं होना चाहिए कि वह किसी अनजान घर में आ रही है।
वसुंधरा राजे ने दी शादी में शिरकत
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी इस शादी में हिस्सा लिया और बाबू सिंह राठौड़ की पहल की सराहना की। राठौड़ ने कहा कि वे आम जनता के करीब रहकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं।
नशा मुक्त समाज और बेटियों के सम्मान का संदेश
बाबू सिंह राठौड़ ने अपनी दादी के निधन के समय भी नशा मुक्त माहौल रखा था और अब अपने बेटे की शादी में भी यही परंपरा निभाई। उन्होंने समाज में बेटियों के सम्मान और नशा मुक्त समाज का संदेश देते हुए मिसाल कायम की है। उनकी इस पहल को समाज के हर वर्ग से सराहना मिल रही है।
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