शैलेन्द्र पाठक, बिलासपुर। विधायक खरीद फरोख्त मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को क्लीन चिट दिये जाने के खिलाफ वीरेन्द्र पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होनें इस मामले में सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देते हुए मामले के नये सिरे से जांच की मांग की है. पांडेय ने अपनी याचिका में कहा है कि यदि जोगी निर्दोष हैं, तो वीरेन्द्र पांडेय के साथ साथ तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, अरूण जेटली और डॉ रमन सिंह के खिलाफ भी मुकदमा चलाया जाना चाहिये.
मामला 2003 का है जब विधायक खरीद-फरोख्त मामले को वीरेन्द्र पांडेय ने ही उजागर किया था और फिर इसके बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. सीबीआई ने इस मामले में अजीत जोगी, अमित जोगी, पूर्व सांसद पीआर खूंटे सहित खूंटे के पुुत्र ओमप्रकाश खूंटे के खिलाफ अपराध दर्ज किया था.
लंबी जांच प्रक्रिया के बाद सीबीआई ने मार्च 2012 और फिर जनवरी 2017 में सीबीआई ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट सौंप दी थी और आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था. इस क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देते हुए आज वीरेन्द्र पांडेय ने अधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के माध्यम से चुुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि क्लोजर रिपोर्ट में षडयंत्र तो माना गया है, लेकिन आरोपियों को क्लीन चिट दे दी गई.
पांडेय ने याचिका में कहा है कि यदि षडयंत्र हुआ है,तो इसके भागीदार हम सभी हैं. उन्होनें कहा कि तात्कालीन उपप्रधानमंत्री ने मामले का खुलासा करने के लिये अरूण जेटली को रायपुर भेजा था और इस पूरी प्रक्रिया में उनके साथ राजनाथ सिंह,संजय जोशी और डॉ रमन सिंह भी थे. इसलिये यदि षडयंत्र में हम सब शामिल हैं,तो इसकी जांच कर हम सभी के खिलाफ मुकदमा चलाया जाये.