रायपुर। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस सुप्रीमो अजीत जोगी ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में धान के मूल्य निर्धारण पर रमन सिंह से सहानुभूति जता दी. जोगी ने कहा कि रमन सिंह किसानों को अपने चुनावी वादे के हिसाब से 2100 समर्थन मूल्य और 300 रुपये बोनस देना चाहते थे. लेकिन मोदी सरकार ने उन्हें रोक दिया. हांलाकि जब बाद में इस पर कांऊटर सवाल पूछा गया तो उन्होंने अपनी बात को संभालते हुए कहा कि उन्होंने रमन सिंह को डाऊट ऑफ बेनिफिट दिया है.

 

प्रेस कांफ्रेंस में जोगी ये बता रहे थे कि क्यों छत्तीसगढ़ में स्थानीय पार्टी को सत्ता मिलनी चाहिए. इसका एक कारण जोगी ने बताया कि जब सत्ता में राष्ट्रीय पार्टी होती है तो उसके फैसले दिल्ली से बदल दिए जाते हैं. उन्होंने इसका उदाहरण धान का समर्थन मूल्य को बताया. जोगी ने कहा कि उन्हें रमन सिंह से धान के मसले पर सहानुभूति है. रमन सिंह किसानों को 300 रुपये बोनस मिलाकर 2400 रुपये देना चाहते थे. इसके लिए वे दिल्ली गए लेकिन उनको वहां दो टूक कह दिया गया कि किसानों को केवल 1470 रुपये ही देने हैं. उन्हें बोनस नहीं देना है. जोगी ने कहा कि मजबूरन उन्हें 1470 रुपये देना पड़ा.

 

जोगी ने कहा कि बीजेपी की बजाय सत्ता पर कोई स्थानीय पार्टी होती तो उसे दिल्ली से इसके लिए अनुमति की ज़रूरत नहीं पड़ती. चूंकि कांग्रेस जोगी और रमन सिंह पर मिलीभगत का आरोप लगाती रही है लिहाज़ा इस बयान के बाद कांग्रेस को फिर से ये मौका मिल जाता. इस बात को भांपते हुए जोगी ने यू टर्न लिया. जोगी ने साफ कर दिया कि उन्होंने रमन सिंह को डाउट ऑफ बेनिफिट दे दिया. इसलिए वो मानते हैं कि रमन सिंह ने ऐसा किया होगा. हांलाकि बाद में कहा कि उनकी दिल्ली में कई आईएएस से बात हुई जिन्होंने बताया कि रमन सिंह को ऊपर से 2400 रुपये देने से मना किया गया है.

लेकिन कांग्रेस भला इस मुद्दे को क्यों हाथ से जाने देगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणदास महंत ने कहा कि दोनों में मिलीभगत है. दोनों पूर्व सीएम हैं इसलिए एक-दूसरे के सारे राज़ जानते हैं. इसलिए जोगी ने ये बात कही है.


वही नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने कहा कि जनता कांग्रेस, बीजेपी के बी टीम है। जोगी के बयान से ये बात सामने आ गयी है। इनकी लड़ाई कभी बीजेपी से नही रही, ये हमेशा से भूपेश और कांग्रेस को टारगेट करते हैं।