सहारनपुर। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) और सहारनपुर देहात कोतवाली पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अफीम तस्करी के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पंजाब के रहने वाले तस्कर नसीब, जिला खां और अरुण को गिरफ्तार किया है। यह तस्कर ट्रक में टमाटर की आड़ में अफीम की तस्करी करते थे। इनके पास से एक करोड़ रुपये की अफीम मिली है।

शुक्रवार को पुलिस लाइन में एसपी सिटी व्योम बिंदल ने बताया कि एएनटीएफ और देहात कोतवाली पुलिस ने चेकिंग के दौरान देहरादून-यमुनानगर हाईवे पर ग्रैंड सेवन होटल के पास से तस्करों को पकड़ा है। इनके पास से एक ट्रक में छिपाकर ले जा रही 10.077 किलोग्राम अफीम, चार मोबाइल, 4250 रुपये की नकदी बरामद हुई। ट्रक में करीब 22 टन टमाटर लदा हुआ था, जिसकी आड़ में अफीम छिपाकर लाई जा रही थी।

यह सप्लाई पंजाब में करते थे। पकड़े गए तस्करों में नसीब, जिला खां निवासी बसारा जिला संगरुर पंजाब और अरुण निवासी सडोवाल जिला बरनाला पंजाब है। इनके दो अन्य साथी अनिल निवासी मंदसौर और जसवीर अभी फरार है। इनकी तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं।


ऐसे करते थे अफीम की तस्करी


पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। मुख्य आरोपी नसीब ने बताया कि यह अफीम अरुण के कहने पर मंदसौर (मध्यप्रदेश) निवासी अनिल से ली गई थी। सौदे के अनुसार उसे व उसके हेल्पर को पांच हजार रुपये प्रति किलो देने की बात तय हुई थी। अरुण ने बताया कि पंजाब में यह माल जसवीर को दिया जाना था, जिसे वह पहले से जानता है। कुछ ट्रक चालक डोडा खाते हैं।

उनके माध्यम से अनिल की जानकारी हुई थी, जो मंदसौर का रहने वाला है। वही अफीम देता है। प्रति किलो पर 1500 रुपये अनिल देता था। जसवीर भी 500 रुपये से लेकर दो हजार रुपये प्रति किलो तक देता था। ट्रक में लोड टमाटर के बारे में चालक नसीब ने पूछने पर बताया कि कुल 22 टन टमाटर है, जो जालंधर मंडी में जाना था।