नई दिल्ली। एनडीटीवी की जानीमानी पत्रकार निधि राजदान एक बड़े फर्जीवाड़े का शिकार हुई हैं। शुक्रवार को ट्वीट कर उन्होंने इसकी जानकारी दी। निधि राजधान ने अपने 21 साल के पत्रकारिता के कैरियर को जिस ऑफर के लिए छोड़ दिया था, वह फर्जी था। उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का ऑफर दिया गया था, वह फर्जी है।

उन्होंने ट्विटर पर जारी अपने बयान में कहा कि मुझे यह यकीन दिलाया गया था कि मैं सितंबर में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अध्यापन कार्य शुरू करने वाली हूं। वे जब अपनी नई जॉब को लेकर तैयारी कर रही थी तब उन्हें बताया गया कि कोरोना की महामारी के कारण कक्षाएं जनवरी में शुरू होंगी। राजदान का कहना है कि उन्हें यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का जो ऑफर मिला था उसमें हो रही देरी को लेकर उन्हें गड़बड़ी का संदेह होने लगा था। लेकिन उन्हें बताया गया था कि प्रशासनिक विसंगतियों के कारण ऐसी देरी हो रही है।

इन विसंगतियों इसलिए टाल दिया कि महामारी के कारण ऐसा हो रहा है। हाल ही में जो रिप्रजेंटेशन दिया गया था वह बेचैन करने वाला था। जिसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया। जिनसे हुई बातचीत में जॉब को लेकर पूर्व में हुई बातचीत का ब्यौरा दिया जिसे उन्होंने यही समझा था कि वह आधिकारिक तौर पर यूनिवर्सिटी के द्वारा भेजा गया है।