दिल्ली. पत्रकारों को अक्सर उनके काम की वजह से लोग इज्जत की नजर से देखते हैं. इस पेशे और इससे जुड़े लोगों के साहस और हिम्मत की कहानियां प्रेरणा देने का काम करती हैं. कई पत्रकारों की स्टोरीज ने सरकारें गिरा दी. इस बार पश्चिम बंगाल के कुछ पत्रकारों ने ऐसा कर दिया जिससे विदेशों में न सिर्फ देश की इज्जत धूमिल हुई बल्कि इस पेशे को भी शर्मसार होना पड़ा.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लंदन के दौरे पर थी. उनके साथ कुछ पत्रकार भी गए थे. गौरतलब है कि लंदन में इन सबके सम्मान में लग्जरी होटल में डिनर का आयोजन किया गया था. डिनर में चांदी की चम्मचें, ग्लास व प्लेटें थी. इनमें से कुछ पत्रकारों की नीयत चांदी की चम्मचों पर खराब हो गई. पेशे औऱ देश की इज्जत का ख्याल किए बिना इन पत्रकारों ने वो कर डाला जिसकी उम्मीद किसी पत्रकार से नहीं की जाती है. इनमें से कुछ पत्रकारों ने मौका देखकर चांदी की चम्मचें चुरा ली.

चूंकि होटल में सीसीटीवी लगा हुआ था सो पत्रकारों की ये हरकत कैमरे में कैद हो गई. होटल का सिक्योरिटी स्टाफ भी बंगाल के पत्रकारों की इस घटना पर दुविधा में था. आखिरकार उन्होंने पत्रकारों से चुराई गई चम्मच वापस करने को कहा. ऐसा न करने पर पुलिस कार्रवाई की चेतावनी दी. पुलिस कार्रवाई के डर से सभी पत्रकारों ने चुराई हुई चम्मचें लौटा दी औऱ 50 पौंड का जुर्माना भी भरा.

ये पत्रकार ममता बनर्जी के साथ आधिकारिक टूर पर गए थे. सभी बंगाल के वरिष्ठ पत्रकार थे. खास बात ये है कि इनमें से कई संपादक स्तर के भी पत्रकार थे. जिन्होंने चम्मच चोरी कर न सिर्फ अपने संस्थान का बल्कि अपने देश का भी नाम खराब करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मजेदार बात ये है कि इनमें से कई पत्रकार ये समझ रहे थे कि होटल में सीसीटीवी काम नहीं कर रहा है क्योंकि बंगाल के होटलों में अक्सर सीसीटीवी काम नहीं करते हैं. इस बार बंगाल के पत्रकारों की हरकत से देश और देश की मीडिया को खासी शर्मिंदगी उठानी पड़ी है. काश कि वो ऐसी हरकत करने से पहले सोचते कि एक पत्रकार की कीमत एक चांदी के चम्मच से कहीं ज्यादा होती है. इस घटना की देश के कई मीडिया संस्थानों ने कड़ी आलोचना की है. ये घटना उन पत्रकारों के लिए भी एक सबक है जो किसी नेता या संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के साथ विदेश यात्रा पर जाते हैं. आगे से ऐसे पत्रकारों को औऱ भी सतर्क रहना होगा क्योंकि उनकी एक हरकत न सिर्फ देश का बल्कि पत्रकारिता जैसे सम्मानित पेश की छवि पर धब्बा लगाने का काम करती है.