कैबिनेट ने झारखंड राज्य पेय पदार्थ निगम लिमिटेड (जेएसबीसीएल) को पांच जुलाई से राज्य की खुदरा शराब दुकानों का संचालन दैनिक वेतन पर मानव बल के माध्यम से करने की कटौती उपरांत स्वीकृति दे दी है।
जेएसबीसीएल ने अल्पकालिक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत राजस्व हित में यह कदम उठाया है। यह व्यवस्था 31 अगस्त तक प्रभावी रहेगी, क्योंकि एक सितंबर से शराब की खुदरा बिक्री निजी हाथों में चली जाएगी।
16वां रोजगार मेला: 51 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर PM मोदी ने कहा-‘आज भारत के पास असीमित शक्तियां, युवाओं का सामर्थ्य सबसे बड़ी…
वर्तमान में राज्य में शराब की खुदरा बिक्री झारखंड आबकारी (झारखंड राज्य पेय पदार्थ निगम लिमिटेड के माध्यम से खुदरा उत्पाद शुल्क दुकानों का संचालन) नियमावली, 2022 के तहत हो रही है।
इस नियमावली के तहत राज्य की खुदरा शराब दुकानों को मानव बल की आपूर्ति करने वाली एजेंसियां ही मानव बल उपलब्ध करा रही थीं। इनका विस्तार 30 जून तक ही था। पांच जुलाई से जेएसबीसीएल ने सभी खुदरा दुकानों का संचालन अपने हाथ में ले लिया है।
ऐसी स्थिति में खुदरा उत्पाद दुकानों का संचालन प्रारंभ होने तक श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दर के आलोक में दैनिक मजदूरी पर मानव बल की सेवा प्राप्त कर जेएसबीसीएल के माध्यम से खुदरा उत्पाद दुकानों का संचालन किया जा रहा है।
18,000 की सैलरी बन सकती है 24,840: आठवां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के लिए झटका या जैकपॉट?
1 सितंबर से लागू होगी नयी उत्पाद नीति
बता दें कि, झारखंड में 1 सितंबर से नयी उत्पाद नीति लागू की जायेगी. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी. नयी उत्पाद नीति लागू होने के बाद खुदरा शराब दुकानों का संचालन निजी संचालकों द्वारा किया जायेगा. जल्द ही जिलास्तर पर दुकानों की लिस्ट जारी की जायेगी. जिलों द्वारा राजस्व को लेकर भी आंकड़ा जारी किया जायेगा.
‘मुंबई में मराठी मानुष के लिए 20 % घर आरक्षित हों’, उद्धव ठाकरे गुट ने महाराष्ट्र सरकार से कर दी बड़ी मांग
500 शराब दुकानों में शुरू हुई बिक्री
राज्य की कुल 1453 शराब दुकानों में से 1402 दुकानों का ऑडिट पूरा कर लिया गया है. इन दुकानों के हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया भी पूरी हो गयी है. इनमें से 500 दुकानों में शराब की बिक्री भी शुरू हो गयी है. अगले सप्ताह तक सभी दुकानों का संचालन शुरू हो जायेगा. नयी उत्पाद नीति लागू करने की प्रक्रिया के दौरान ही दुकानों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया भी पूरी की जायेगी. नयी उत्पाद नीति के तहत ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से दुकानों की बंदोबस्ती की जायेगी.
‘मातृभाषा मां है तो हिंदी हमारी दादी..’, भाषा विवाद के बीच आंध्र प्रदेश के डिप्टी CM पवन कल्याण का बड़ा बयान
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक