चंडीगढ़। पंजाब की एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को अवैध रेत खनन मामले में राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी की न्यायिक हिरासत 10 मार्च तक बढ़ाए जाने का आदेश दिया. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED) ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने पर भूपिंदर सिंह हनी को अदालत में पेश किया था. इससे पहले भी अदालत ने दो बार हनी की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाई थी.

भूपिंदर हनी को 3-4 फरवरी की दरम्यानी रात किया गया था गिरफ्तार

भूपिंदर सिंह हनी को 3 और 4 फरवरी की दरम्यानी रात को ईडी ने गिरफ्तार किया था. ईडी को 8 फरवरी तक हनी को हिरासत में रखने की मंजूरी मिली थी, लेकिन बाद में यह अवधि बढ़ाकर 11 फरवरी तक कर दी गई थी. ईडी का कहना है कि हनी ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया. दस्तावेजों के मुताबिक हनी ट्रांसफर और तैनाती के नाम पर अधिकारियों से भी पैसा वसूलता था.

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ट्रांसफर-नियुक्ति से भी पैसे वसूलता था भूपिंदर हनी

इसके अलावा आरोपी भूपिंदर सिंह हनी ने ईडी की जांच के दौरान अपना बयान दिया, जिसमें उसने स्पष्ट कहा है कि लुधियाना में उसके घर से मिले 4.09 करोड़, लुधियाना में संदीप कुमार के घर से मिले 1.99 करोड़ और मोहाली में उसके घर से मिले 3.89 करोड़ रुपये उसी के हैं. उसने यह भी स्वीकार किया कि वह अवैध खनन गतिविधियों तथा अधिकारियों की तैनाती और स्थानान्तरण कराके ये पैसे वसूले थे. पिछले 18 जनवरी को ईडी ने इन ठिकानों पर छापा मारा था. ईडी ने हनी के कारोबारी सहयोगी कुदरत दीप सिंह का बयान भी रिकॉर्ड किया है. अवैध रेत खनन और संपत्ति के हस्तातंरण से संबंधित दस्तावेज, मोबाइल फोन, 21 लाख रुपए का सोना, 12 लाख रुपए की घड़ी और 10 करोड़ रुपए नकद ईडी के छापे के दौरान जब्त किए गए थे.

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मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी

पंजाब पुलिस ने अवैध रेत खनन के मामले में 7 मार्च 2018 को 10 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस प्राथमिकी में हनी और उसके कारोबारी सहयोगी का नाम नहीं शामिल था, लेकिन जब ईडी ने FIR के आधार पर नवंबर 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू की, तो दोनों इसके घेरे में आ गए.