दिल्ली. डाटा लीक मामले के बाद से फेसबुक के मुखिया मार्क जुकरबर्ग दुनियाभर के निशाने पर हैं. मंगलवार को जुकरबर्ग अमेरिकी सीनेट के सामने पेश हुए. जहां उन्होंने डाटा लीक की जिम्मेदारी लेते हुए सीनेट से माफी मांगी.

जुकरबर्ग ने कहा कि ‘यह मेरी गलती है और मैं इसके लिए माफी मांगता हूं. मैंने फेसबुक शुरू किया, मैं इसे चलाता हूं और यहां जो कुछ भी होता है उसके लिए मैं जिम्मेदार हूं.’ जुकरबर्ग ने भारत में अगले साल होने वाले आम चुनावों के दौरान भी लोगों का भरोसा बहाल करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि भारत में आगामी चुनाव के दौरान पूरी ईमानदारी बरती जाएगी.

उन्होंने कहा, हम इन टूल्स का गलत इस्तेमाल होने से नहीं रोक पाए. हम फेक न्यूज, हेट स्पीच, चुनावों में विेदेशी हस्तक्षेप, डेटा की निजता जैसे नुकसान को नहीं रोक पाए. अपनी गलती मानते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम न केवल टूल्स बनाएं बल्कि इसका भी ध्यान दें कि उसका सही और बेहतर इस्तेमाल हो.

जुकरबर्ग ने कहा कि साल 2018 पूरे विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है. भारत, पाकिस्तान जैसे कई देशों में चुनाव होने हैं. हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे कि ये चुनाव सुरक्षित हो. उन्होंने कहा, 2016 में हुए अमेरिकी चुनावों के बाद हमारी प्राथमिकता दुनिया भर में हो रहे चुनावों में ईमानदारी बरतने की है.

 

मंगलवार को फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग की अमेरिकी संसदीय समिति के समक्ष दो दिवसीय गवाही शुरू हो गई. कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा रहस्योद्घाटन के बाद जुकरबर्ग अमेरिकी संसद में गवाही के लिए तैयार हो गए थे. कैंब्रिज एनालिटिका का कहना था कि वह डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान से जुड़ी हुई थी और उसने चुनाव प्रभावित करने के लिए 8.7 करोड़ लोगों की व्यक्तिगत जानकारियां हासिल की थीं.

सीनेट की वाणिज्य एवं न्यायिक समितियों के समक्ष जुकरबर्ग ने यह कहते हुए अपनी बात शुरू की, कि कैंब्रिज एनालिटिका को रोक पाने में असफल रहने की अपनी जिम्मेदारी वह स्वीकार करते हैं. जुकरबर्ग इसके लिए पहले भी कई बार लोगों और फेसबुक यूजर्स से क्षमायाचना कर चुके हैं.