नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविघालय में अब मेडिकल की भी पढ़ाई होगी. विश्वविद्यालय में न केवल एमबीबीएस की बल्कि एमसीएच, डीएम, एमएस, एमडी की पढ़ाई के साथ एमडी-पीएचडी भी होगा. इसके अलावा विश्वविद्यालय में 500 बिस्तरों का मल्टी स्पेशियालिटी मेडिकल कॉलेज का भी निर्माण किया जाएगा. इस पूरे प्रोजेक्ट पर 900 करोड़ रुपए का खर्च आएगा.

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के एकेडमिक काउंसिल ने मंगलवार को बायोमेडिकल के क्षेत्र में शोध परिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) बनाने के लिए 900 करोड़ रुपए की लागत से अस्पताल के साथ मेडिकल स्कूल खोलने का फैसला लिया. इसके लिए विश्वविद्यालय कैम्पस में 25 एकड़ जमीन पर 500 बिस्तरों के मल्टी स्पेशियालिटी हॉस्पिटल बनाया जाएगा. मेडिकल स्कूल और हॉस्पिटल के वर्ष 2024 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है.

मेडिकल स्कूल में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप आधुनिक औषधि के साथ पारंपरिक औषधि का सम्मिलन होगा. स्कूल में लाइफ साइंस के अलावा बायो टेक्नालॉजी, मॉलिक्यूलर मेडिसीन, सिस्टम्स मेडिसी, नेनो साइंस और सोशल मेडिसीन में शोध के साथ एमबीबीएस से लेकर पीएचडी तक की पढ़ाई होगी.

जेएनयू कुलपति एम जगदीश कुमार ने बताया कि स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एण्ड इंटरप्रूनरशिप के बाद एक मेडिकल स्कूल की बहुत जरूरत थी. मेडिकल स्कूल में नई आधुनिक स्वास्थ्य तकनीक और उद्यतन पाठ्यक्रम के साथ मौजूद विशेषज्ञों को शामिल किया गया जाएगा.

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