कॉर्बेट नेशनल पार्क में करोड़ों के काम बिना वर्क ऑर्डर के कराए गए. इससे भी ताज्जुब की बात यह है कि सारे काम गैर पंजीकृत संस्थाओं और ठेकेदारों को दिए गए. उत्तराखंड की विभागीय एसआईटी की जांच रिपोर्ट के बाद पीसीसीएफ की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए. यही नहीं, उन्होंने इन फर्मों और ठेकेदारों के फर्जी होने की आशंका जताते हुए विजिलेंस जांच में इस बिंदु को भी शामिल करने को कह दिया है.

 कॉर्बेट में अवैध निर्माण-कटान और वित्तीय गड़बड़ी के मामले में विभागीय एसआईटी ने जांच की थी. इसकी रिपोर्ट विभागीय मुखिया यानी पीसीसीएफ विनोद सिंघल को भेजी गई थी. इस आधार पर पीसीसीसीएफ ने सात पेज की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी. इसमें कहा गया है कि पाखरो टाइगर सफारी, मोरघट्टी, कुगड्डा में हुए करोड़ों के निर्माण बिना वर्क ऑर्डर के गैर सरकारी पंजीकृत ठेकेदारों और फर्मों को दे दिए गए. ये पंजीकृत ठेकेदारों और संस्थाओं को दिए जाने थे. पीसीसीएफ ने यह भी कहा कि ये सभी ठेकेदार और फर्म वास्तव में हैं भी या नहीं, इसकी भी जांच कराई जानी चाहिए.

वन विभाग पर चढ़ा दिया करोड़ों का कर्ज

आरोप है कि अफसरों ने वित्तीय स्वीकृति के बिना करोड़ों के काम दे दिए और ठेकेदारों ने काम कर भी दिया. लेकिन, पैसों का भुगतान अब वन विभाग को करना पड़ेगा. वित्तीय स्वीकृति ना होने के कारण अब वह किस मद से भुगतान करेगा, यह बड़ा सवाल है, जो विभागीय जांच रिपोर्ट में भी उठाया गया है.