शैलेन्द्र पाठक,बिलासपुर-  हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच में आज जस्टिस संजय अग्रवाल एवं जस्टिस RCS सामंत की बेंच मे वकीलों की आर्थिक मदद वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इस याचिका को राजेश केशरवानी ने अधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से दायर की है, जिसमें आज आनंद मोहन तिवारी याचिकाकर्ता के बतौर उपस्थित हुए.
आज हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य विधि परिषद के वकील और राज्य सरकार के वकील से पूछा कि पिछले आर्डर के अनुसार क्या योजना है और कोई भी जवाब अभी तक नहीं दिया है.कोर्ट ने कहा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की अधिवक्ता कल्याण अधिनियम 1982 एक ही है और मध्यप्रदेश ने 5 मई को मध्यप्रदेश अधिवक्ता सहायता (प्राकृतिक आपदा एवं अप्रत्याशित परिस्थिति )योजना 2020 बनाकर लागू कर दिया है, कोर्ट ने पूछा कि राज्य की ट्रस्टी कमिटी और स्टेट बार कौंसिल ऐसे ही योजना क्यों नहीं बना पा रही है, तब महाधिवक्ता ने बताया कि ट्रस्टी कमिटी जिसमे विधि मंत्री चैयरमेन है, उनके अध्यक्षता मे बैठक हुई है और शीग्र ही वकीलों के कल्याण के लिए योजना बनाने का कार्य हो रहा है.इस संबंध में बार कौंसिल से योजना का प्रस्ताव बनाकर देने को कहा गया है.महाधिवक्ता ने बताय कि यह कार्य 2 सफ्ताह मे पूरा हो जायेगा,
सुनवाई के दौरान स्टेट बार कौंसिल ने बताया कि 2500 आवेदन वकीलों से आर्थिक मदद की मांग वाली प्राप्त हुई है, जिसे छंटनी का कार्य चल रहा है.बार कांसिल की ओर से बताया गया कि शीघ्र राशि वितरित की जाएगी, जो की करीब 45 लाख रूपये है.इसी प्रकार बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया की तरफ से बताया गया कि कार्पस फण्ड से 20 प्रतिशत की राशि शीग्र दी जाएगी, कोर्ट ने सारे कार्यों को शीघ्रता से करने को कहा है और अगली सुनवाई मे रिपोर्ट पेश करने को कहा है और योजना भी मध्यप्रदेश की तरह शीघ्र जारी करने कहा है. महाधिवक्ता ने कहा कि इसी पर कार्य जारी है. अगली सुनवाई तक सभी वकीलों को मदद दी जा चुकी होंगी. महाधिवक्ता ने बताया कि बार कौंसिल के ट्रस्टी कमिटी को पत्र लिखकर आर्थिक मदद चाहने वाले वकीलों की लिस्ट मांगी है,जिसे प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री के पास कैबिनेट की बैठक में रखा जा सके.