Bihar News: बिहार के मेडिकल कॉलेजों में दो दिनों से जारी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल आखिरकार खत्म हो गई है। शुक्रवार से सभी जूनियर डॉक्टर ओपीडी में लौट आए हैं। इस हड़ताल में पटना के पीएमसीएच, एनएमसीएच समेत राज्य के अन्य बड़े मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर शामिल थे। हड़ताल खत्म होने से मरीजों ने राहत की सांस ली है।

जेडीयू की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि सरकार ने जूनियर डॉक्टरों को लिखित रूप से आश्वासन दिया है कि उनकी सभी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी। आश्वासन मिलने के बाद जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया और काम पर लौट आए।

17 सितंबर से शुरू हुई थी हड़ताल

गौरतलब है कि जूनियर डॉक्टर अपनी छह सूत्री मांगों को लेकर 17 सितंबर (बुधवार) से हड़ताल पर चले गए थे। उनका साफ कहना था कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, वे काम पर नहीं लौटेंगे। हालांकि अभी मांगें पूरी तरह स्वीकार नहीं की गई हैं, लेकिन लिखित भरोसा मिलने पर उन्होंने हड़ताल स्थगित कर दी।

मरीजों को हुई सबसे ज्यादा परेशानी

दो दिन चली हड़ताल का सबसे ज्यादा असर मरीजों पर पड़ा। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) और अन्य मेडिकल कॉलेजों में बड़ी संख्या में लोग इलाज कराने पहुंचे, लेकिन ओपीडी बंद होने से उन्हें मायूस लौटना पड़ा। किसी ने अपने बच्चे का इलाज कराना चाहा तो कोई खुद के लिए डॉक्टर खोज रहा था, मगर सबको निराशा हाथ लगी। हालांकि, राहत की बात यह रही कि आपातकालीन सेवाओं पर हड़ताल का असर नहीं पड़ा।

मांगें पूरी नहीं हुईं, तो फिर से हड़ताल

जूनियर डॉक्टरों की मांगों में वेतन वृद्धि से लेकर अन्य कई सुविधाएं शामिल हैं। फिलहाल सरकार ने इन्हें लिखित आश्वासन देकर काम पर लौटने के लिए राज़ी किया है। अब देखना होगा कि इनकी मांगों पर कब तक अमल होता है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में फिर से हड़ताल की नौबत आ सकती है।

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