फीचर स्टोरी। छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार प्राथमिकता के साथ गाँव-गरीब-किसान-मजदूर वर्ग के लिए काम कर रही है. किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के बाद सरकार गौपालकों के लिए गोधन न्याय योजना लेकर आई थी. अब सरकार भूमिहीन परिवारों के साथ न्याय कर रही है. कैसे ? इसे जानने के लिए इस रिपोर्ट को पढ़ना जरूरी है.
राज्य सरकार ने लाखों किसान परिवारों की तरह उन परिवारों के लिए न्याय योजना की शुरुआत की है, जो कि भूमिहीन हैं. जिनके पास खेती की कोई जमीन नहीं है. जो खेतिहर मजदूर हैं. ऐसे लोगों के लिए सरकार ने सालाना 6 हजार रुपये आर्थिक सहायता देने की पहल की है. योजना का शुभारंभ 3 फरवरी 2022 को राहुल गांधी ने रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान से किया था.
एक नजर भूमहीन न्याय योजना पर
जैसा की आप जानते है राज्य के आधे से ज्यादा लोग कृषि क्षेत्र पर आश्रित है और इसी से वह अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करते है। छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बहोल द्वारा राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना 2022 को शुरू किया गया. योजना के तहत उन सभी लोगों को लाभ प्रदान किया जायेगा जो ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि मजदूरी के रूप में कार्य कर रहे है और भूमिहीन है. छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के भूमि से रहित कृषि मजदूरों को साल के आधार पर 6000 रुपये की वित्तीय सहायता राशि प्रदान करेगी. सरकार ने योजना के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है. कृषि मजदूरों के लिए बहुत ही लाभकारी है.
बता देते है कि राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि आवेदक के बैंक खाते में भेजी जाएगी इसके लिए आवेदक का बैंक खाता होना बहुत जरुरी है जो की आधार कार्ड से लिंक होना अनिवार्य है.
राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना-2022
राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत राज्य के गांव क्षेत्र में रह रहे 15 लाख भूमिहीन कृषि मजदूरों को योजना का लाभ दिया जायेगा. योजना का लाभ पाने के लिए आवेदक को पंजीकरण करवाना आवश्यक है. इच्छुक आवेदक को योजना का आवेदन करने के लिए इधर-उधर कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वह आसानी से अपने मोबाइल व कंप्यूटर के जरिये ऑनलाइन माध्यम से योजना का आवेदन आसानी से कर सकते है इससे उनका समय और पैसे दोनों की बचत हो सकेगी.
कृषि मजदूर की कमाई केवल खरीफ फसल के उत्पादन के समय ही हो पाती है और अन्य समय पर उनकी कमाई का कोई स्त्रोत नहीं होता और इन सभी के पास स्वयं की जमीन भी उपलब्ध नहीं होती जिससे यह किसी प्रकार की फसल का उत्पादन भी नहीं कर सकते, इन्हे कई परेशानियों और मुसीबतो का सामना करना पड़ता है इसी कारण सरकार ने योजना को आरंभ किया. इसके अलावा पोर्टल पर सरकार द्वारा योजना के दिशा निर्देशों (instructions) को जारी कर दिया गया है लाभार्थियों को वार्षिक आधार पर हर एक परिवार को 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी.
योजना का उदेश्य-
योजना का उद्देश्य यह है कि छत्तीसगढ़ राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के भूमिहीन कृषि का काम करने वाले मजदूर नागरिकों को वित्तीय मदद राशि प्रदान की जाएगी. यह राशि लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाएगी. आवेदक का बैंक खाता होना बहुत जरुरी है. योजना का लक्ष्य कृषि मजदूरों की आय में दोगुनी वृद्धि करना और उन्हें मजबूत व आत्मनिर्भर बनाना है जिससे कृषि मजदूर अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छे से कर पाए.
योजना हेतु पात्रता
आवेदक छत्तीसगढ़ राज्य का मूलनिवासी होना चाहिए तभी वह योजना से मिलने वाले लाभ प्राप्त कर सकता है.
यदि किसी परिवार के पास पट्टे पर सरकारी जमीन या फारेस्ट राइट (वन अधिकार) सर्टिफिकेट होगा तो उसे योग्य भूमि माना जायेगा.
ग्रामीण क्षेत्रों के भूमि से रही कृषि मजदूर जैसे: बढ़ई (कारपेंटर), लोहार, नाई, चरवाहा, धोबी, मोची, पुरोहित, फारेस्ट प्रोडूस कलेक्टर्स आदि सभी इसके पात्र है.
जिन नागरिकों के पास भूमि नहीं होगी वह इसका आवेदन कर सकते है.
गांव के कृषि मजदूर योजना का आवेदन कर सकते है सबसे पहले उन्हें पोर्टल पर जाकर या कार्यालय जाकर पंजीकरण करवाना होगा.
यदि रजिस्टर्ड आवेदक की मृत्यु हो जाती है तो आवेदक के परिवार वाले को दोबारा से नवीन आवेदन करना होगा.
राजीव गांधी भूमहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की आधिकारिक वेबसाइट http://rggbkmny.cg.nic.in है. आवेदक आसानी से ऑनलाइन माध्यम से योजना का आवेदन कर सकते है.
जरूरत के समय जरूरी मदद
जांजगीर जिले में पामगढ़ तहसील के ग्राम ससहा के रहने वाला सालिक राम भूमहीन मजदूर है. दूसरों के खेतों में मजदूरी कर अपना जीवन-बसर करता है. योजना के शुभारंभ होने के बाद सालिक राम को 500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब हर चार महीने में 2 हजार रुपये की राशि मिलेगी. इस तरह तीन किश्तों में साल में 6 हजार रुपये की सहायता राशि प्राप्त होगी.
सालिक राम बताता है कि वह मनरेगा और कृषि मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है. उनकी पत्नी रक्षा की तबीयत अच्छी नहीं रहती है. हर महीने दवाइयों पर कुछ राशि खर्च हो जाती है. सरकार की ओर भूमिहीन परिवारों को दी जा रही यह राशि भले ही कम है, लेकिन जरूरत के समय बहुत ही जरूरी मदद है.
व्यवसाय में मिलेगी मदद
कोसिर की रहने वाली अमरीका कुर्रे भी खेतिहर मजदूर हैं. अमरीका के परिवार के पास भी खेती की कोई जमीन नहीं है. खेतों में मजदूरी मजबूरी है. फिलहाल अमरीका राज्य सरकार की ओर से संचालित वर्मी कम्पोष्ट बनाने के निर्माण कार्य से जुड़ी हैं. स्व-सहायता समूह के साथ मिलकर काम कर रही है. अमरीका कहती है कि वह व्यवसाय भी करना चाहती हैं. इस दिशा में वह प्रयासरत् भी है. ऐसे में कुछ और मदद सरकार की ओर से मिलती तो इससे फायदा होगा. 6 हजार भले ज्यादा न हो लेकिन इससे व्यवसाय में मदद जरूर मिलेगी.
गरीबों के लिए हर छोटी रकम भी बहुत बड़ी है
शुक्ला भाठा ससहा का रहने वाला गंगा प्रसाद चौहान ने बताया कि वे मैं भूमिहीन है. मनरेगा एवं कृषि मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं. उनके 04 बच्चे है (02 लड़का एवं 02 लड़की) 02 लड़के एवं 01 लड़की का शादी कर चुका हूं। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना अंतर्गत प्रोत्साहन राशि से वह दैनिक उपयोग की वस्तु क्रय के लिए सहायक सिद्ध होगी. यह रकम संख्या के हिसाह छोटी हो सकती है, लेकिन गरीबों के लिए तो हर छोटी रकम भी बहुत बड़ी है.
यह योजना हम जैसे गरीबों के लिए काफी अहम
डोंगाकोहरौद निवासी रमेश का कहना है कि यह योजना हम जैसे गरीबों के लिए काफी अहम है. क्योंकि हमारे लिए हर एक रुपिया कीमती है. दिनभर की मजदूरी के बाद भी गाँवों में 200 रुपये तक मिलता है. ऐसे में सरकार हर महीने 5 रुपये की राशि हम बिना काम प्रोत्साहन के तहत दे रही है तो यह बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस योजना से निश्चित ही भूमिहीन मजदूरों के साथ न्याय होगा. योजना के तहत उसे अब तक 2000 रुपये कि पहली किश्त की राशि मिल गई है.
आर्थिक तंगी को दूर करने में मिलेगी मदद
कोसिर निवासी रीना लहरे कहती है कि भूमिहीन परिवारों के लिए हर समय आर्थिक तंगी की स्थिति बनी रहती है. रोज कमाना और रोज खाना है. बचत जैसी कोई बात होती नहीं. ऐसे में यह एक तरह से हमारे लिए बचत सुविधा. जरूरत के समय पर यह राशि साल में मिलती रहेगी. इससे आर्थिक तंगी को दूर करने में मदद मिलेगी.
वास्तव में जिनके लिए हर रुपया महत्वपूर्ण है उनके लिए साल में मिलने वाला 6 हजार भी काफी अहम है. यही वजह कि सरकार ने भूमिहीन परिवारों के साथ न्याय करने के लिए यह योजना बनाई है. सरकार की ओर से यह ऐलान भी किया गया है कि आने वाले वर्ष में यह राशि 7 हजार रुपये साल की दी जाएगी.