लखनऊ. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बी भोंसले आज सेवानिवृत्त होंगे. चीफ जस्टिस डीबी भोंसले के नाम सर्वाधिक 85 जजों को शपथ दिलाने का रिकार्ड बना हुआ है.
जस्टिस भोंसले के रिटायरमेंट के मौके पर उनके सम्मान में समारोह आयोजित किया जाएगा. जो कि लखनऊ औऱ इलाहाबाद दोनों हाईकोर्ट में आयोजित होगा. लखनऊ बेंच में आयोजित फुल कोर्ट रेफरेंस में सबसे पहले सम्मानीय वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमनाथ भावोद्गार व्यक्त करने की शुरूआत करेंगे. उनके बाद अवध बार एसोसिएशन लखनऊ के एल्डर्स कमेटी के चेयरमैन एसके कालिया अपने हृदयोद्गार व्यक्त करेंगे. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीबी भोंसले फुल कोर्ट रेफरेंस का समापन करते हुए अपने सभी सहयोगियों, बार और बेंच के प्रति अपनी भावनाओं को रखेंगे.
न्यायमूर्ति डीबी भोंसले का जन्म 24 अक्टूबर 1956 को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवार में हुआ था. उनके पिता बैरिस्टर बाबा साहब भोंसले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे. न्यायमूर्ति भोंसले ने 1980 में बार की सदस्यता ग्रहण की थी और मुम्बई उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करते हुए असिस्टेंट गवरनमेंट प्लीडर व असिस्टेंट प्रासीक्यूटर के रूप में कार्य शुरू किया था.
मुख्य न्यायाधीश के रूप में 15 फुल कोर्ट और 58 एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटी मीटिंग का आयोजन न्यायमूर्ति भोंसले द्वारा किया गया. उन्होने 11,994 मामलों में निर्णय डिवीजन बेंच में और 20 मामलों में निर्णय फुल बेंच में किया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में 100 से ऊपर जजों के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करने का गौरव उन्हें प्राप्त है. पूरे देश में न्यायमूर्ति भोसले एकमात्र ऐसे जज हैं जिन्हें नेशनल एकेडमी आफ लीगल स्टडीज एण्ड रिसर्च (नालसर) और दामोदरन संजीवय्या नेशनल ला यूनीवर्सटी विशाखापट्टनम के चांसलर के रूप में कार्य करने का गौरव प्राप्त है.