चंडीगढ़. सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश के बाद आखिरकार वीरवार को केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज जस्टिस शील नागू को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की अधिसूचना जारी कर दी है. अक्तूबर 2023 में जस्टिस रविशंकर झा की रिटायरमेंट के बाद से ही यह पद रिक्त था.

जस्टिस शील नागू में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में जस्टिस शील नागू ने अक्तूबर 1987 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत आरंभ की थी. जज के तौर पर एलोवेशन से पहले संवैधानिक, सेवा, श्रम और आपराधिक मामलों प्रैक्टिस थी. 27 मई 2011 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और तब से वे वहीं कार्यरत हैं. 24 मई से वह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कार्य कर रहे थे. अपने 12 वर्षों से अधिक के कार्यकाल के दौरान उन्होंने 499 से अधिक रिपोर्ट किए गए निर्णय लिखे हैं. 27 दिसंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति शील नागू को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की.

जज जस्टिस शील नागू

कॉलेजियम ने तब कहा था कि जस्टिस शील नागू पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के लिए सभी मामलों में उपयुक्त हैं. जस्टिस रविशंकर झा अक्तूबर 2023 में रिटायर हो गए थे. उनके बाद जस्टिस रितु बाहरी ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला था. जस्टिस रितु बाहरी की पदोन्नति के बाद यह पद रिक्त हो गया था और जस्टिस जीएस संधावालिया को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था. वर्तमान में हाईकोर्ट में जजों के 85 स्वीकृत पद हैं और 54 जज कार्यरत हैं.