दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस पारदीवाला ने सोशल मीडिया पर जजों पर होने वाले निजी हमलों को लेकर चिंता जाहिर की है. जस्टिस पारदीवाला ने कहा है कि मीडिया लक्ष्मण रेखा को लांघ रही है. सोशल मीडिया पर अदालती फैसलों की आलोचना की बजाए जजों पर व्यक्तिगत हमले किए जाते हैं. इसीलिए संसद को डिजिटल और सोशल मीडिया के लिए समुचित कानून बनाने पर विचार करना चाहिए.

बता दें कि, जस्टिस पारदीवाला सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एचआर खन्ना की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. जस्टिस पारदीवाला सुप्रीम कोर्ट की उस बेंच के सदस्य थे, जिसने 1 जुलाई को पैगम्बर मोहम्मद को लेकर टिप्पणी के चलते नूपुर शर्मा को सख्त फटकार लगाई थी. सोशल मीडिया पर अदालत के उस दिन के रुख को लेकर खूब चर्चा चल रही है.

जस्टिस पारदीवाला ने यह भी कहा कि ट्रायल अनिवार्य रूप से अदालतों द्वारा की जाने वाली एक प्रक्रिया है. डिजिटल मीडिया द्वारा किया जाने वाला ट्रायल न्याय प्रक्रिया में एक अनुचित हस्तक्षेप है. ऐसा करने में मीडिया कई बार लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन करती है. मीडिया तब दिक्कत का सबब बनता है, जब आधा अधूरा झूठ इसके जरिए परोसा जाता है. सोशल मीडिया पर मौजूद लोगों के पास आधी अधूरी जानकारी होती है, उन्हें न्यायिक प्रकिया की, उसकी सीमाओं की ठीक से जानकारी भी नहीं होती.

अगर कोई फैसला गलत है तो उसके खिलाफ ऊंची अदालत में अपील की जा सकती है. सोशल मीडिया उसका समाधान नहीं है. सोशल और डिजिटल मीडिया के चलते कानूनी मसले भी राजनैतिक हो जाते हैं. अयोध्या जैसा सिविल केस इसका उदाहरण है. उन्होंने कहा कि संसद को विचार करना चाहिए कि संजीदा मामलों के ट्रायल के दौरान सोशल और डिजिटल मीडिया को कैसे रेगुलेट किया जाए.

जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि कानून के शासन और लोगों की इच्छा के बीच संतुलन बनाना मुश्किल है. जज भी जब समाज पर दूरगामी असर डालने वाले फैसले लिखते हैं तो उनके मन में भी ये ख़्याल आता है कि लोग क्या कहेंगे. लेकिन मेरा ये मानना रहा है कि कानून का शासन सर्वोपरि है.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक