नई दिल्ली। तनुश्री दत्ता के आरोपों के बाद यह मी टू कैंपेन एक अभियान में बदल चुका है. मी टू कैंपेन के तहत बड़ी तादात में महिलाएं सामने आ रही. पहले तो सिर्फ बॉलीवुड इस कैंपेन की गिरफ्त में आया लेकिन अब देश के हर कोने से महिलाएं अपने साथ हुई मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का विरोध सोशल मीडिया में कर रही है. अब तक नाना पाटेकर, विकास बहल, आलोकनाथ, पूर्व पत्रकार और भाजपा नेता एम जे अकबर पर शारीरिक शोषण के आरोप लगे हैं तो वहीं चेतन भगत का भी एक व्हाट्सएेप चेट वायरल हो रहा है जिसमें वे महिला के प्रति आकर्षण का भाव रखते हैं. हालाकि चेतन ने तुरंत फेसबुक पर एक मैसेज डालकर इस पर माफी भी मांग ली है. तो वहीं आरोपों पर एम जे अकबर का कोई बयान नहीं आया है.

बॉलीवुड और पत्रकारिता से जुड़े लोगों के सामने आने के बाद अब भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा भी सामने आई हैं हालाकि ज्वाला ने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया है. ज्वाला ने अतीत में ‘मानसिक प्रताड़ना’ और चयन में भेदभाव की शिकायत का मुद्दा उठाया. बैडमिंटन में देश के लिए डबल्‍स मैच खेलने वाली ज्‍वाला ने कहा, उन्होंने जो झेला वह मौजूदा ‘मी टू’ खुलासों के अंतर्गत आता है. महिला डबल्‍स में विश्व चैंपियनशिप की पूर्व कांस्य पदक विजेता ज्वाला ने हालांकि कई ट्वीट करते हुए न तो किसी का नाम लिया और न ही यौन उत्पीड़न के किसी मामले का जिक्र किया.

राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व स्वर्ण पदक विजेता ज्वाला ने चयन में उन्हें निशाना बनाए जाने के आरोपों को एक बार फिर दोहराया. उन्होंने कहा, ‘शायद मुझे भी उस मानसिक प्रताड़ना की बात करनी चाहिए जिससे मैं गुजरी…. #‘मी टू.’

ज्वाला ने आरोप लगाया, ‘2006 से. इस व्यक्ति के प्रमुख बनने के बाद से… राष्ट्रीय चैंपियन होने के बावजूद मुझे राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया. सबसे नवीनतम मामला तब का है जब मैं रियो से लौटी. मुझे फिर राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया. एक कारण बताया गया कि मैंने खेलना छोड़ दिया है!!’ हैदराबाद में रहने वाली इस खिलाड़ी के लंबे समय से मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद के साथ मतभेद रहे हैं. इस दौरान ज्वाला ने यह आरोप भी लगाए कि वह (गोपीचंद) पूरी तरह से एकल खिलाड़ियों पर ध्यान देते हैं और युगल खिलाड़ियों की अनदेखी करते हैं.

ज्वाला ने यह भी दावा किया था कि गोपीचंद की आलोचना के कारण राष्ट्रीय टीम में उनकी अनदेखी हुई और यहां तक कि उन्होंने डबल्‍स जोड़ीदार भी गंवा दिया. इस खिलाड़ी ने हालांकि मंगलवार को किए ट्वीट में गोपीचंद का नाम नहीं लिया. उन्होंने कहा, ‘‘2006 से… 2016 तक… बार बार मुझे टीम से बाहर किया जाता रहा… मेरे प्रदर्शन के बावजूद… 2009 में मैंने टीम में वापसी की जब मैं दुनिया की नौवें नंबर की खिलाड़ी थी.’ ज्‍वाला के इन आरोपों का जवाब देने से गोपीचंद बचते रहे हैं.अर्जुन अवार्ड जीत चुकीं ज्‍वाला ने वर्ष 2016 में दक्षिण एशियाई खेलों में मिक्‍स्‍ड डबल्‍स वर्ग में स्‍वर्ण पदक हासिल किया था.