कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने तंज कसते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री बना देने की बात कही थी. अब सिंधिया की इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि मैं और मेरे परिवार के लोग चाहे कांग्रेस में रहे हो चाहे बीजेपी में रहे हो. मेरी दादी, मेरे पिताजी और मैंने सेवाभाव से काम किया है. हमारे परिवार की सोच और विचारधारा जनता का विकास, जनता की सेवा है. मैंने भी उसी मंशा के साथ पिछले 20 वर्ष मैं कार्य किया है और जनता के आशीर्वाद से जीवन के आखिरी सांस तक सेवक कर रूप में कार्य करता रहूंगा.

गोविंद सिंह ने दिया था यह बयान

नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने सिंधिया पर तंज भरा बयान देते हुए कहा था कि सिंधिया जी ने कांग्रेस सरकार को गिराकर BJP को सत्ता में पहुंचाया था, अब BJP को 4 महीने के लिए सिंधिया जी मुख्यमंत्री बना देना चाहिए. क्योंकि इसके बाद तो कांग्रेस की सरकार आ जाएगी. सिंधिया जी को जिस कांग्रेस पार्टी ने सींचा था वह उसे धोखा देकर गए, BJP को उसका फल उनको नवंबर तक सीएम बनाकर देना चाहिए.

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जीआई टैग मिलने पर सिंधिया ने दी बधाई

ग्वालियर के कारपेट को जीआई टैग मिलने पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुभकामनाएं दी है. जीआई टैग मिलने की उपलब्धि पर सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर के कारपेट की कला आज की नहीं बल्कि बहुत ही प्राचीन कला है. इस ऐतिहासिक चीज को जो प्रोत्साहन मिलना चाहिए. आज उसे पूर्ण फ्रंट लाइन में लाने का काम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कारपेट की फैक्ट्री की शुरुआत की. जिसे हम आगे ले जा रहे हैं. हमारी कोशिश है की सबसे बड़ी लूम की फैक्ट्री ग्वालियर में स्थापित हो. इस योजना पर काम किया जा रहा है.

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ग्वालियर से ही हो पूरा वर्क

उस फैक्ट्री में मटेरियल की सोर्सिंग और उसके प्रोडक्शन तक, मार्केटिंग से पैकेजिंग तक पूर्ण वैल्यू चैन कि शुरुआत ग्वालियर से हो. इस कदम के जरिये हमारे कालीन के जो कारीगर है, उन्हें एक नई नई जिंदगी और एक नई ऊर्जा मिल पाएगी. जिस तरह बुनकरों के लिए एशिया में सबसे बड़ी लूम की फैक्ट्री चंदेरी में स्थापित की है, जहां 240 लूम फैक्ट्री काम कर रही है. वैसे ही एक योजना हम कारपेट के बुनकरों के लिए ग्वालियर में करने की कोशिश कर रहे हैं. जहां तक ग्वालियर की क्षमता की बात करे तो हमारे कारपेट बुनकर, पत्थरों के शिल्पकार, हमारा औद्योगीकरण क्षेत्र, अध्ययन क्षेत्र, सभी तरफ ग्वालियर को विकास और प्रगति में तेज गति में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले 3 सालों में यह देखने भी मिल रहा है.

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