Jyotish Shastra: ज्योतिष शास्त्र में कई रत्नों का उल्लेख मिलता है. इन रत्नों का संबंध किसी न किसी देवता या ग्रह से होता है. कहा जाता है कि यह रत्न धन की देवी लक्ष्मी को बहुत प्रिय है. इन्हीं रत्नों में से एक रत्न है स्फटिक. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसे धारण करने वाले पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार क्रिस्टल रत्न धारण करने के कई फायदे होते हैं. इसे धारण करने वाले लोगों को धन से जुड़ी बड़ी से बड़ी समस्या से भी छुटकारा मिल जाता है. व्यक्ति को कर्ज से भी मुक्ति मिलती है.

अगर आप अपने शुक्र ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं तो इस रत्न को धारण कर सकते हैं. ऐसा करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है. वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने के लिए भी यह रत्न धारण किया जा सकता है. स्फटिक पहनने से मन शांत होता है और आप शारीरिक रूप से भी स्वस्थ महसूस करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस रत्न को धारण करते ही जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आने शुरू हो जाते हैं.

स्फटिक रत्न धारण करने के नियम (Jyotish Shastra)

ज्योतिष शास्त्र में इस रत्न को धारण करने के कई नियम बताए गए हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह रत्न कर्क, मिथुन, वृषभ और तुला राशि के लोगों के लिए सबसे लाभकारी माना जाता है. यदि अन्य राशि के लोग इसे पहनना चाहते हैं तो इसे पहनने से पहले किसी विशिष्ट ज्योतिषी से सलाह लें. इस रत्न को हमेशा बुधवार या शुक्रवार को ही धारण करना चाहिए. धारण करने से पहले इस रत्न को गंगा जल से साफ कर लें.

इसके बाद इसे मां लक्ष्मी के चरणों में रख दें

इसके बाद इसे मां लक्ष्मी के चरणों में रख दें. अब श्री सूक्त का पाठ करें या देवी लक्ष्मी के मंत्र ‘ૐ श्री लक्ष्म्याय नम:’ का 11 बार जाप करें. अंत में देवी लक्ष्मी के चरणों में रखा हुआ स्फटिक रत्न उठा लें और उसे धारण कर लें. आप इसे अपनी उंगली पर या गले में भी पहन सकते हैं. अगर आप क्रिस्टल रत्न धारण कर रहे हैं तो उसकी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.