Jyotish Shastra: ज्योतिष में राहु और केतु को पाप ग्रह माना जाता है. जबकि सूर्य, शनि और मंगल क्रूर ग्रह माने जाते हैं. अगर नौकरी में कोई संकट आने वाला है तो उसके लिए भी ये ग्रह जिम्मेदार होते हैं. शनि और मंगल क्रूर ग्रह हैं, जो नौकरी छूटने के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं.
सूर्य और शनि एक साथ हों तो भी नौकरी मिलना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा, यदि कुंडली के दसवें भाव में राहु-केतु या मंगल जैसे ग्रह हों तो नौकरी छूटने की संभावना रहती है.
मंगल ग्रह
कुंडली में मंगल या मांगलिक दोष के कारण विवाद उत्पन्न हो सकते हैं, जिसके कारण आपकी नौकरी भी जा सकती है. मंगल के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए लाल वस्त्र का दान करना चाहिए.
शनि ग्रह
शनि की साढ़ेसाती और शनि की साढ़ेसाती के कारण नौकरी जाने का खतरा रहता है, नौकरी या व्यवसाय में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. मानसिक तनाव रहता है. कुंडली में शनि की स्थिति को शुभ बनाने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं. शनिदेव को काले तिल अर्पित करें. चप्पल दान करें. शनिवार को भी उपवास रखें.
Jyotish Shastra: राहु और केतु
राहु और केतु दोनों ही पाप ग्रह हैं. इन दोनों ग्रहों के कारण व्यक्ति को अपने करियर में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. इन दोनों ग्रहों के कारण कार्य स्थल पर अचानक परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं. इससे मानसिक तनाव, वित्तीय नुकसान और अचानक नौकरी छूटने का भय पैदा हो सकता है.
राहु और केतु के प्रभावों को शांत करने के लिए राहु-केतु बीज मंत्र का जाप करें. राहु के बीज मंत्र “ॐ रां राहवे नमः” और केतु के बीज मंत्र “ॐ कृतवे नमः” से देवी भगवती की आराधना करें.
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