विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में आईपीएस रैंक के अधिकारी आखिर वीआरएस (VRS) या स्वैक्षिक सेवा निवृत्ति क्यों ले रहे हैं? एडीजी ट्रैफिक के. सत्यनारायण को मिलाकर देखें तो कुल 3 आईपीएस अधिकारियों ने स्वैक्षिक सेवा निवृत्ति ली है. हैरत की बात है कि उनके आवेदन को नियुक्ति विभाग स्वीकार भी कर ले रहा है.

के. सत्यनारायण अपर पुलिस महानिदेशक ने वीआरएस की मांग की है. जिसको नियुक्ति विभाग ने स्वीकार लिया है. सेवा निवृत्ति की वजह निजी कारणों को बताया गया है. 1998 बैच के आईपीएस अफसर के सत्यनारायण का कार्यकाल बिना किसी दाग के रहा है.

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2027 में उनकी सेवा निवृत्ति होनी थी। बीते 8 सालों में यूपी कैडर के यह तीसरे आईपीएस हैं जिन्होंने वीआरएस मंगा है। इससे पहले डीजी आशीष गुप्ता और एडीजी असीम अरुण वीआरएस ले चुके है। हालांकि असीम अरुण इस समय कन्नौज से विधायक और योगी सरकार में समाज कल्याण मंत्री है.