गांधीनगर. गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने अपनी ही पार्टी के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के कई के नेता उन्हें परेशान कर रहे हैं और चाहते हैं कि वह पार्टी छोड़ दें. इस संदर्भ में उन्होंने बयान दिया है कि मेरी हालत नए दूल्हे की नसबंदी कराने जैसी हो गई है.

कांग्रेस पार्टी में घमासान

कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच हार्दिक पटेल ने भी कहा कि उन्होंने कई बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सामने अपने उत्पीड़न का मुद्दा उठाया, लेकिन उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक हार्दिक ने ये भी कहा है कि अगर सच बोलना गुनाह है तो मुझे गुनहगार माना जाना चाहिए. हालांकि उनका ये भी कहना था कि पार्टी में छोटे-मोटे झगड़े और आरोप प्रत्यारोप होते रहते हैं, लेकिन हम सबको मिलकर गुजरात को बेहतर बनाने के लिए काम करना है.

Gujarat Congress working president Hardik Patel reaction on his statement

पार्टी में हार्दिक की कोई पूंछ परख नहीं

2015 में गुजरात में एक बड़े नेता के तौर पर उभरे हार्दिक पटेल ने मार्च 2019 में कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी और जुलाई 2020 में उन्हें महज 26 साल की उम्र में प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था. इसके बाद से पार्टी में नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगा रहे हैं. बुधवार को हार्दिक ने बड़ा आरोप लगाया था कि उन्हें पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमिटी) की बैठक में नहीं बुलाया जाता. कोई भी निर्णय लेने से पहले उनसे सलाह नहीं ली जाती. ऐसे में इस पद का क्या मतलब है? गुजरात कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष का मतलब शादी के बाद दूल्हे की नसबंदी करवाने के बराबर है.

कांग्रेस में निर्णय शक्ति का अभाव

कांग्रेस नेतृत्व पर फैसले लेने में देरी का आरोप लगा चुके हार्दिक ने गुरुवार को फिर से ये मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि (पार्टी को) जितनी जल्दी हो सके, फैसले लेने चाहिए. हार्दिक ने पाटीदार नेता नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल किए जाने का मुद्दा उठाते हुए बुधवार को साफ कहा था कि कांग्रेस में निर्णय शक्ति का अभाव है. केंद्र और प्रदेश में नेता ज्यादा होने के कारण फैसला नहीं हो पाता. उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर पाटीदार समाज का अपमान करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी भी दी थी.

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