अल्मोड़ा. आखिरकार 22 साल के लंबे इंतजार के बाद 15 से अधिक गांवों को जोड़ने वाली कफड़ा-तिपोला सड़क पर डामरीकरण हो गया. इससे इन गांवों की छह हजार से अधिक की आबादी को सुविधा मिली है. यह कार्य पूरा होते ही ग्रामीण खुशी से झूम उठे.

जानकारी के मुताबिक, कफड़ा, तिपोला, बड़ेत, नौघर, द्योलाड़गूंठ, उभ्याड़ी, धन्यारी सहित 15 से अधिक गांवों को जोड़ने के लिए वर्ष 2001 में 20 किमी लंबी सड़क के लिए पहाड़ कटान हुआ था लेकिन तब से लंबे समय तक डामरीकरण न होने से ग्रामीण परेशान थे. उन्हें खतरे के बीच यात्रा करनी पड़ रही थी. कफड़ा-तिपोला सड़क निर्माण संघर्ष समिति के बैनर तले ग्रामीणों ने डामरीकरण के लिए कई बार आंदोलन भी किया था. अब मांग पूरी होने पर अनूप सिंह, लाल सिंह बिष्ट, भूपाल सिंह अधिकारी, ठाकुर सिंह, चनी राम, प्रमोद सिंह, कैलाश पांडे, वासवानंद आदि ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन और लोनिवि का आभार जताया है.

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शासन के अनु सचिव सुभाष चंद्र ने 15 नवंबर को यह शासनादेश जारी किया. प्रमुख अभियंता लोनिवि को भेजे गए इस पत्र में सड़कों और पुल की मरम्मत के लिए वित्तीय और प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है. इसमें बताया गया कि पंद्रहपाली-हड़बाड़ सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) से लोनिवि को हस्तांतरित हो चुकी है. इसके 7.650 किमी लंबे हिस्से में सुधारीकरण के लिए 99,12,000 रुपये मंजूर किए गए हैं. कपकोट-लीली सड़क पर 36 मीटर स्पान वाले गार्डर पुल के मरम्मत कार्य के लिए 6,15,000 रुपये स्वीकृत हुए हैं.