नई दिल्ली . मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने को लेकर मंगलवार को दिनभर चला विवाद शाम को थम गया. LG ने ध्वारोहण के लिए मुख्यमंत्री की ओर से अधिकृत शिक्षा मंत्री आतिशी के बजाए गृह मंत्री कैलाश गहलोत को नामित किया. ‘AAP’ और भाजपा ने LG के इस फैसले का स्वागत किया.
सामान्य प्रशासन विभाग ने पहले इस कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को फाइल भेजी थी, लेकिन वहां से जवाब आया कि सीएम जेल में होने के कारण समारोह में भाग नहीं ले सकेंगे. इस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एलजी को अधिकार दिया था कि वह राज्य के किसी मंत्री को नामित करें.
भाजपा ने निर्णय का स्वागत किया
भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी उपराज्यपाल के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं तो यह निर्णय लेने का अधिकार उपराज्यपाल के पास है. उन्होंने सरकार के वरिष्ठ मंत्री कैलाश गहलोत को इसके लिए नामित किया है. आम आदमी पार्टी के नेताओं को इस फैसले का स्वागत करते हुए कैलाश गहलोत के साथ तिरंगा फहराना चाहिए.
AAP बोली, लोकतंत्र के सिद्धांत का सम्मान
स्वतंत्रता दिवस समारोह में तिरंगा फहराने के लिए गृह मंत्री कैलाश गहलोत को नामित करने का आम आदमी पार्टी ने स्वागत किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यह कदम लोकतंत्र के सिद्धांत का सम्मान करता है, क्योंकि इसके लिए एक नियुक्त प्रतिनिधि के बजाए एक निर्वाचित प्रतिनिधि को चुना गया है.
फैसले से पहले आतिशी ने LG पर साधा था निशाना
LG के निर्णय से पहले सामान्य प्रशासन विभाग के जवाब पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि झंडा फहराने का काम एक चुनी हुई सरकार के पास होता है. यह लोकतंत्र का प्रतीक है, लेकिन LG उस अधिकार को छीनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि नियुक्त किया गया व्यक्ति नहीं बल्कि, चुना हुआ प्रतिनिधि ही झंडा फहरा सकता है. उधर, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आतिशी के नाम पर ध्वाजारोहण के लिए स्वीकृति नहीं मिलने पर कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने को लेकर राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण है.
क्या था मामला
झंडा फहराने का यह विवाद बीते 9 अगस्त को मुख्यमंत्री की चिट्ठी के बाद शुरू हुआ था. केजरीवाल ने न्यायिक हिरासत में होने के कारण अपनी जगह स्वतंत्रता दिवस पर कैबिनेट मंत्री आतिशी को झंडा फहराने के लिए अधिकृत करने के लिए चिट्ठी लिखी थी. हालांकि, एलजी ने चिट्ठी मिलने से इंकार कर दिया. सोमवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जेल में केजरीवाल से मिले और फिर सामान्य प्रशासन विभाग को चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार आतिशी द्वारा झंडा फहरानेे की जानकारी दी. सामान्य प्रशासन विभाग ने गोपाल राय की चिट्ठी पर जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का यह निर्देश कानूनी रूप से अमान्य है. यही नहीं, तिहाड़ जेल से केजरीवाल का यह निर्देश जेल मैनुअल का भी उल्लंघन है. इस पर सरकार के मंत्रियों ने ऐतराज जताया.
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