हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर में बीती रात अचानक लगाए सख्त लॉकडाउन का विरोध शुरु हो गया है. प्रशासन के इस फैसले को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने प्रशासन के इस फैसले को अलोकतांत्रिक और तानाशाही निर्णय बताया है.
दरअसल गुरुवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान की कोरोना समीक्षा बैठक के बाद सख्त लॉकडाउन का आदेश प्रशासन ने जारी कर दिया था. जिसको लेकर बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने नाराजगी जताई है. उन्होंने शुक्रवार को ट्विट करते हुए कहा कि आखिर क्या ज़रूरत है एक अलोकतांत्रिक और तानाशाही भरे निर्णय को इंदौर जैसे अनुशासित शहर पर थोपने की, जिस निर्णय की सर्वत्र निंदा हो रही हो, उस पर पुनर्विचार होना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर विचार करना चाहिए.
आखिर क्या ज़रूरत है एक अलोकतांत्रिक और तानाशाही भरे निर्णय को इंदौर जैसे अनुशासित शहर पर थोपने की, जिस निर्णय की सर्वत्र निंदा हो रही हो उस पर पुनर्विचार होना ही चाहिये प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर विचार करना चाहिये।
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 21, 2021
वहीं सख्त लॉकडाउन को लेकर प्रशासन का कहना है कि शहर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए ये फैसला लिया गया है. हालांकि प्रशासन के द्वारा अचानक लिए गए फैसले से किसानों को काफी परेशानी हुई, उनकी उपज नहीं बिक पाई. वहीं मंडी के अचानक बन्द होने के आदेश से के बाद अफरा तफरी मच गई थी.
बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की इंदौर में समीक्षा बैठक के बाद ऐसा निर्णय लिया गया, ऐसे में माना जा रहा है कि यह फैसला उनकी सहमति से लिया गया है. लेकिन इस फैसले से बीजेपी और प्रशासन आमने-सामने आ गई है. वहीं संगठन में ही फूट सामने नजर आ रही है.
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