शब्बीर अहमद/हेमंत शर्मा, भोपाल/इंदौर। मध्यप्रदेश की एक लोकसभा और तीन विधानसभा उपचुनाव (One Lok Sabha and three assembly by-elections in Madhya Pradesh) में भाजपा ने एक तरफा जीत हासिल की है। भाजपा ने खंडवा लोकसभा के साथ जोबट और पृथ्वीपुर विधानसभा में जीत हासिल की है। वहीं रैगांव विधानसभा जीत पर कांग्रेस प्रत्यासी ने बाजी मारी है। मध्यप्रदेश उपचुनाव परिणाम आने के बाद एक तरफ जहां बीजेपी में खुशी की लहर है। वहीं कांग्रेस खेमे में मायूसी है। रैगांव विधानसभा जीत कांग्रेस के लिए दिलासा भर है। उपचुनाव में जीत पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (BJP National General Secretary Kailash Vijayvargiya) का बयान सामने आया है। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उपचुनाव में जीत का पूरा भरोसा था। जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है।
वहीं कांग्रेस ने हार पर हार के लिए ईवीएम और सरकार की धांधली को कोस रही है। कांग्रेस की हार पर कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल (Congress leader Ajay Singh Rahul) ने सरकार पर धांधली करने का आरोप लगाया है। राहुल ने कहा कि जोबट में टिकट देने में पार्टी से गलती हुई है। पृथ्वीपुर में उत्तर प्रदेश से आए लोगों ने धांधली की (People from Uttar Pradesh rigged in Prithvipur)। हम 2023 में सामूहिक नेतृत्व में जीत हासिल कर फिर सत्ता में आएंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जनता ने कांग्रेस के उठाए गए सारे मुद्दों को उपचुनाव में नकार दिया है। पेट्रोल डीजल, महंगाई के मुद्दों को जनता ने नकार दिया। उपचुनाव में जीत का पूरा भरोसा था। कैलाश विजयवर्गीय ने जीत का श्रेय भाजपा संगठन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को दिया।
जोबट में टिकट देने में पार्टी से गलती हुईः अजय सिंह राहुल
वहीं कांग्रेस की हार पर कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल ने कहा कि जोबट में सुलोचना रावत को टिकट दिया जाता तो वो जीत जाती।जोबट में टिकट देने में पार्टी से गलती हुई है। अगर वो पार्टी मे रहती तो हार का सामना नहीं करना पड़ता। पृथ्वीपुर में आखिरी 2 दिन में उत्तर प्रदेश से आए लोगों ने धांधली की। उसका मुकाबला कांग्रेस नहीं कर पाई। रैगांव में कार्यकर्ताओं ने कमर कस ली थी अब नहीं तो कभी नहीं इसलिए हम वहां जीते। विंध्य में 2018 मे जो हुआ वो फिर नहीं दोहरा पाएगी बीजेपी। 2023 विधानसभा को देखते हुए अलग-अलग क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदारी मिलनी चाहिए। सामूहिक नेतृत्व से ही 2023 में फिर जीत हासिल कर सत्ता में वापसी करेंगे।