Kajari Teej 2023: कजरी तीज भाद्रपद में मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है. जो इस बार 2 सितंबर को मनाया जाएगा. इस व्रत को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है. जैसे कजरी तीज, कजली तीज, बूढ़ी तीज और सातुड़ी तीज आदि. सुहागिन महिलाएं इस व्रत को निर्जला व्रत के रूप में रखती हैं. कजरी तीज पर विवाहित महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और नीमड़ी माता की पूजा करती हैं.

कजरी तीज (Kajari Teej) का व्रत भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. लोग इसे मुख्य रूप से भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों, विशेषकर राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में देखते हैं. यह त्योहार देवी पार्वती के लिए है, जो लंबे अलगाव के बाद भगवान शिव से फिर से मिलीं. यह दिन महिलाओं द्वारा उपवास, अनुष्ठान करने और अपने पतियों और परिवारों की भलाई के लिए प्रार्थना करने का प्रतीक है. कजरी तीज मुख्य रूप से पति-पत्नी के बीच के बंधन का उत्सव है.

कजरी तीज का महत्व (Kajari Teej)

सुहागिनें कजरी तीज के दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. अखंड सौभाग्य के लिए सुहागिन महिलाएं कजरी तीज के दिन निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा करती हैं. कजरी तीज का व्रत सुहागिनें अपने पति और संतान की लंबी आयु, अच्छी सेहत और खुशहाली के लिए रखती हैं. कजरी तीज का व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने पर बहुत सुख-समृद्धि की प्राप्ती होती है.

कजरी तीज की तिथि और समय (Kajari Teej 2023)

कजरी तीज 2023 शनिवार, 2 सितंबर, 2023 को होगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, तृतीया तिथि 01 सितंबर, 2023 को रात 11:50 बजे शुरू होगी और यह 02 सितंबर, 2023 को रात 08:49 बजे समाप्त होगी.

कजरी तीज पर क्या करें क्या ना करें

कजरी तीज पर व्रत रखने के बाद छोटा सा तालाब बनाकर नीम के पेड़ की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. साथ ही साथ इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य जरूर देना चाहिए.
कजरी तीज के दिन काले एवं सफेद रंग के कपड़े बिल्कुल भी ना पहने. सुहागिनों का चाहिए कि वे हरे या लाल रंग के कपड़े पहनें और सोलह श्रृंगार करें.
कजरी तीज पर गेहूं, जौ, चने के सत्तू का उपयाग अवश्य करें. चावल के सत्तू में मेवा और घी मिलाकर पकवान बनाकर इनसे ही व्रत खोलना चाहिए.
पूजा करने के बाद आटे से सात लोइयां बनाकर उन पर गुड़ और घी रखकर गाय को खिलाने से शिव-पार्वती बहुत प्रसन्न होते हैं.
कजरी तीज के दिन वाद-विवाद और क्रोध से बचें. साथ ही साथ घर के बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें. किसी के लिए भी मन और वाणी से अपशब्दों का प्रयोग न करें.
कजरी तीज व्रत में सुहागिनों को मेहंदी लगानी चाहिए. कजरी तीज व्रत के दिन दोपहर में सोने से बचना चाहिए.
कजरी तीज के दिन सुहागिन महिलाओं को पति से झगड़ा नहीं करना चाहिए और किसी भी प्रकार से अपशब्द न बोलें. ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं.
सुहागिनों को पूजा करने के बाद किसी भी सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग की वस्तुएं दान करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.
कजरी तीज के दिन व्रति सुहागिनों को झाड़ू नहीं लगानी चाहिए. इससे मां लक्ष्मी नाराज भी हो सकती हैं.

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