रायपुर। राजधानी रायपुर स्थित बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़ शिक्षा संवर्ग और पंचायत सचिव संघ के संयुक्त तत्वावधान में सम्मान समारोह आयोजित किया गया था. जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए. इस दौरान शिक्षकों और पंचायत संचिवों ने कका है तो भरोसा है, पेंशन पुरुष और न्याय पुरुष ज़िंदाबाद के नारे. इस दौरान पूरा स्टेडियम नारे से गूंजता रहा.

दरअसल, मुख्यमंत्री के पुरानी पेंशन बहाली के निर्णय के बाद सर्व शिक्षक पंचायत सचिव मंच के बेनर तले 12 कर्मचारी संगठनों ने अभिनंदन किया. संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री बघेल का सम्मान कर आभार व्यक्त किया.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जब मैंने यह घोषणा की, बजट सत्र में की पुरानी पेंशन नीति लागू होगी, तब नहीं सोचा था कि इतना अच्छा असर होगा. मुझे लगा कि केवल अधिकारियों तक असर होगा. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि संघ के नेता केदार जैन कह रहे कि उनकी घरवाली तक यह असर पहुंचा है.

वहीं मुख्यमंत्री के उद्बोधन के दौरान एक शिक्षक ने छत्तीसगढ़ी में कहा कि कका ते उम्र भर राज करबे, तब मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बात त ते सही कहा थस, काबर की गुरुजी हस त जानथस, पुराना मन लहुट जाही त नया पेंशन नीति लागू हो जाही.

वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उस समय आपकी हड़ताल इतने लंबे समय तक चली उसका कारण मैं ही था, मैंने छह क्विंटल पोहा आप लोगों को बांटा था. आंदोलन को कांग्रेस ने समर्थन दिया. उसके बाद डॉक्टर रमन सिंह ने संविलियन की घोषणा की.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 1998 के बाद पहली बार हमारे शासन काल मे 14 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई. पंचायत सचिव हो चाहे शिक्षक हो, कोरोना काल में सब प्रभावित हुए. उस दौर में पूरे प्रदेश में 21 हजार क्वारन्टीन सेंटर बनाए. यह काम पंचायत सचिवों से ही सम्भव हुआ था. सब मिलकर काम किए तब कोरोना को हराने में सफल हुए.

भारत सरकार की घोषणा से पहले फ्री राशन छत्तीसगढ़ में बांटा जा चुका था. सरकार लोगों के जीवन में खुशहाली लाने लगातार काम कर रही है. हमारा उद्देश्य है कि हर वर्ग तक योजना का लाभ पहुंचे.