Kalasarpa Dosha: कुंडली में कालसर्प दोष को लेकर हमेशा चर्चा रहती है. ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, यह दोष तब बनता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित हों. इसका असर व्यक्ति के जीवन पर अलग-अलग रूप में दिखाई देता है. करियर में रुकावट, संबंधों में तनाव और मानसिक अशांति इसके आम संकेत माने जाते हैं.
Also Read This: Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी पर होगी बप्पा की विदाई, जानिए गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त…

Kalasarpa Dosha
सभी मामलों में नहीं होती बाधा (Kalasarpa Dosha)
हालांकि, ज्योतिषियों का कहना है कि कालसर्प दोष हमेशा नकारात्मक परिणाम नहीं लाता. कई मामलों में यह दोष व्यक्ति में धैर्य, विवेक और सतर्कता बढ़ाता है. विशेषज्ञ बताते हैं कि दोष की तीव्रता और उसका प्रभाव व्यक्ति की मेहनत, परिस्थितियों और अपनाए गए उपायों पर निर्भर करता है.
Also Read This: पितृपक्ष में दुर्लभ संयोग: 19 सितंबर 2025 को मासिक शिवरात्रि, पितरों की मुक्ति और शिव आराधना का विशेष अवसर
उपाय से मिल सकती है राहत (Kalasarpa Dosha)
ज्योतिषियों ने कहा कि दोष के प्रभाव को कम करने के लिए नियमित पूजा, हवन और राहु–केतु मंत्रों का जाप लाभकारी है. इसके अलावा, सकारात्मक सोच और सही दिशा में प्रयास करने से भी इस दोष का असर सीमित किया जा सकता है.
आधुनिक जीवन में साकार अनुभव (Kalasarpa Dosha)
कई सफल व्यक्तियों की कुंडली में भी कालसर्प दोष पाया गया है. इन लोगों ने कठिनाइयों के बावजूद मेहनत और सतर्कता से अपने लक्ष्य हासिल किए. इससे यह स्पष्ट होता है कि यह दोष केवल राह में बाधा डाल सकता है, लेकिन सही प्रयास और ध्यान से इसे पार किया जा सकता है.
Also Read This: सितंबर 2025 की एकादशियां: परिवर्तिनी और इंदिरा एकादशी पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, जानें तिथि, महत्व और खास फल
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें