Kali Chaudas 2025: दीपावली से एक दिन पहले आने वाली काली चौदस, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है, केवल दीपों की सजावट का दिन नहीं बल्कि अंधकार पर शक्ति की विजय का प्रतीक है. मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था, जिससे धर्म की पुनः स्थापना हुई और जग में प्रकाश फैला.

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Kali Chaudas 2025
Kali Chaudas 2025

इसी दिन मां काली का प्रकट होना भी माना जाता है. कथा के अनुसार, जब असुरों ने तीनों लोकों में आतंक फैला दिया, तब मां दुर्गा के क्रोध से मां काली प्रकट हुईं. उन्होंने अपने विकराल रूप से दैत्यों का संहार किया और अधर्म पर धर्म की विजय स्थापित की. इसलिए यह रात काली साधना, तंत्र उपासना और शक्ति जागरण की मानी जाती है.

Kali Chaudas 2025. पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा में इस दिन को काली पूजा के रूप में मनाया जाता है. भक्त मां काली को लाल फूल, नींबू, काले तिल और तेल के दीप अर्पित करते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और व्यक्ति को आत्मबल प्राप्त होता है. आध्यात्मिक रूप से, काली चौदस आंतरिक अंधकार को मिटाने और चेतना के प्रकाश को जगाने की रात है.

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