शिवम मिश्रा, रायपुर: रायपुर की धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन जेल से रिहाई एक बार फिर टल गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के ठाणे चौकी से जमानत कॉपी पोस्ट नहीं मिलने की वजह से रिहाई टली है. सेंट्रल जेल प्रबंधन ने कालीचरण को रिहा करने से इनकार कर दिया है.
प्रबंधन के मुताबिक बाय पोस्ट ऑर्डर आने पर ही रिहाई होगी. समर्थकों में भारी आक्रोश है. साजिश के तहत रिहा नहीं करने का आरोप लगाया है. समर्थकों की भारी भीड़ लगी है.
बता दें कि कालीचरण पिछले तीन महीने से रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद है. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में कालीचरण की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. जहां बिलासपुर हाईकोर्ट ने कालीचरण को देर शाम जमानत दे दी.
कालीचरण के वकील ने दी ये दलील
कालीचरण की तरफ से सीनियर एडवोकेट ने इस तरह के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लेख किया. साथ ही किताबों में लिखी हुई बातों को भी प्रस्तुत किया. इस दौरान कालीचरण के सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी ने दलील पेश करते हुए कहा कि किताबों में लिखी हुई बातों पर सार्वजनिक रूप से बयान देना कोई अपराध नहीं है.
साथ ही उनका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने पहले फैसला सुरक्षित रखा, फिर देर शाम कालीचरण को जमानत दे दी.
सांप्रदायिकता फैला सकते हैं
सरकारी वकील ने कालीचरण महाराज की जमानत का यह कहते हुए विरोध किया कि उन्हें अपनी हरकतों पर कोई पछतावा नहीं है. ऐसे में जेल से बाहर आने के बाद वह फिर से सांप्रदायिकता फैला सकते हैं.
महात्मा गांधी को कहे थे अपशब्द
गौरतलब है कि करीब तीन महीने पहले कालीचरण महाराज ने रायपुर की धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर विवादास्पद बयान दिया था. उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह महात्मा गांधी को अपशब्द कहते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसके अलावा वह नाथूराम गोडसे की तारीफ भी कर रहे थे.