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भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में खाद संकट पर शिवराज सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। कमलनाथ ने सरकार से खाद की स्थिति पर पिछले 3 साल की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने कहा है।
कमलनाथ ने कहा कि इन 3 वर्षों में 15 माह तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही है। इन 3 वर्षों के श्वेत पत्र जारी होने से प्रदेश की जनता और किसान भाइयों को कांग्रेस और शिवराज सरकार की तुलनात्मक स्थिति पता चल सकेगा कि कांग्रेस की सरकार में खाद की कितनी डिमांड थी, कितनी उपलब्धता थी और किसानों को किस प्रकार आपूर्ति की गई। वहीं शिवराज सरकार के समय खाद की कितनी डिमांड है, कितनी उपलब्धता है, प्रदेश में कितना खाद का स्टॉक है और किस प्रकार आपूर्ति की जा रही है, किस प्रकार आज का खाद का संकट चरम पर है।
नाथ ने कहा कि पिछले 2 माह से किसान खाद को लेकर परेशान हो रहा है। सड़कों पर आंदोलन कर रहा है, प्रदर्शन कर रहा है, लंबी-लंबी लाइनों में लगा है, चक्का जाम कर रहा है, पुलिस की मार खा रहा है, इसके प्रमाण, तस्वीरें व वीडियो रोज़ सामने आ रहे हैं। उसके बाद भी शिवराज सरकार बेशर्मी से झूठ परोस रही है कि प्रदेश में खाद का कोई संकट नहीं है, प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। ऐसा कहकर व प्रदेश के लाखों किसानों का अपमान भी कर रही है और उनका मजाक भी उड़ा रही है।
कमलनाथ ने आगे कहा कि आज प्रदेश में किसानों को डीएपी नहीं मिल पा रही है, डीएपी का भारी संकट बना हुआ ही है वहीं डीएपी की कालाबाजारी जमकर जारी है। इस संकट की ज़िम्मेदार शिवराज सरकार से लेकर मोदी सरकार भी है, जिसने इस संकट से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं की। खाद की व्यवस्था की बजाय पूरी सरकार चुनावों में लगी हुई है। आने वाले समय में यूरिया की भी किसानों को आवश्यकता है, उसका भी बड़ा संकट सामने दिखाई दे रहा है, यूरिया की भी भारी कमी है, सरकार यूरिया को लेकर भी स्थिति स्पष्ट करें कि कितनी डिमांड है, कितनी आपूर्ति की सरकार के पास व्यवस्था है और कितना स्टॉक वर्तमान में उपलब्ध है।
नाथ ने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार कह रही है कि प्रदेश में खाद का कोई संकट नहीं है, खाद की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है तो फिर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर लंबी-लंबी लाइनों में लगे प्रदर्शन कर रहे, चक्का जाम कर रहे, पुलिस की मार खा रहे लोग क़ौन हैं और किस प्रदेश से हैं, सरकार इसका जवाब दें ?
आज प्रदेश में खाद संकट को लेकर किसान आत्महत्या को मजबूर हो चला है। कल भी अशोक नगर में एक किसान ने खाद के संकट के कारण आत्महत्या कर ली है। परिजनों के मुताबिक वह पिछले 15 दिनों से खाद को लेकर परेशान था, चक्कर काट रहा था। एक तरफ प्रदेश का किसान बढ़ते कर्ज को लेकर परेशान है, उसे उसकी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है, उसे समय पर खाद-बीज नहीं मिल पा रही है, बिजली कटौती व बिजली संकट से भी वह परेशान है और दूसरी तरफ सरकार उसकी मदद करने की बजाय, झूठ परोसकर उसका मजाक उड़ा रही है, उसका अपमान कर रही है।