शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस के दिग्गज नेता और गांधी परिवार के सबसे करीबी नेताओं में शुमार कमलनाथ को लेकर चले पिछले तीन दिन के सियासी एपिसोड में अंदर खाने की कई कहानियां है। कांग्रेस नेता पिछले तीन दिन से लगातार कहते रहे कि “कमलनाथ कहीं नहीं जाने वाले” लेकिन सवाल अब यह उठ रहा कि आखिर ये बात आई कहां से ?
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यहां से शुरू हुआ कमलनाथ का बीजेपी एपिसोड
दरअसल कमलनाथ बीजेपी में शामिल हो रहे है इस बात की शुरुआत हुई उनके गढ़ छिंदवाड़ा से जहां उन्होंने अपने करीबी नेताओं की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में मौजूद नेताओं से पूछा गया कि दूसरी पार्टी का विकल्प देखते हैं तो क्या हो सकता है ? इस पर सभी नेताओं ने अपनी राय रखी। बस यहीं से शुरू हुआ कमलनाथ का बीजेपी एपिसोड।
ये बात आग की तरह फैली और बल मिला कमलनाथ के बयानों और उनके कार्यक्रम में बदलाव के कारण जहां पांच दिवसीय छिंदवाड़ा दौरा तीसरे दिन ही बीच में छोड़कर सांसद बेटे नकुलनाथ के साथ कमलनाथ दिल्ली रवाना हो जाते हैं। साथ ही वहां पहुंचकर कमलनाथ ने जो बयान दिया वो कमलनाथ के बीजेपी में जाने की अटकलों की खबरों में आग में घी डालने का काम किया कमलनाथ कहते नजर आए मीडिया को क्यों इतनी उत्सुकता हो रही है मैं जो भी फैसला लूंगा, सबसे पहले मीडिया को बताऊंगा।
कमलनाथ एपिसोड में सज्जन वर्मा की एंट्री
कमलनाथ के एपिसोड में अब एंट्री होती है उनके कट्टर समर्थक सज्जन सिंह वर्मा की जो खुले तौर पर ये कहते दिखाई दिए कि कमलनाथ बीजेपी मे जा रहे हैं। सज्जन सिंह ने इसी सियासी घटनाक्रम के बीच अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल भी बदल दी और जय श्रीराम लिखा पोस्टर भी पोस्ट कर दिया। इस सियासी घटनाक्रम के बीच खबरें आई कि कमलनाथ बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं और बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
कांग्रेस में मचे घमासान के बीच बीजेपी का एक धड़ा कमलनाथ के पार्टी शामिल होने का विरोध शुरू कर देता है। बीजेपी नेता तेजिंदर बग्गा कमलनाथ को लेकर विरोध जताते हैं और उन्हें सिख विरोधी बताते हुए पार्टी में नहीं शामिल करने की मांग करते है। बग्गा एक बात और कहते है- “हमें नकुलनाथ से दिक्कत नहीं है”।
कमलनाथ कांग्रेस में कल थे, आज हैं लेकिन परसों का नहीं पता
इस सियासी एपिसोड में 24 घंटे बीत जाने के बाद भी तस्वीर साफ नहीं होती। आखिर कमलनाथ कब बीजेपी में शामिल होंगे ? इन सबके बीच कई कमलनाथ के कई समर्थक दिल्ली पहुंच जाते हैं। जिसमें पूर्व मंत्री से लेकर पूर्व विधायक शामिल रहते हैं। इनकी मुलाकात कमलनाथ से होती है और मुलाकात के बाद ये नेता बाहर आकर कहते हैं कि वे कांग्रेस में कल थे, आज हैं लेकिन परसों का नहीं पता। ये बयान कमलनाथ के बीजेपी शामिल होने की खबरों की और पुष्टि कर देता है।
इसके बाद जब बवाल मचा तो कमलनाथ रविवार दोपहर बंगले से बाहर आते हैं और मीडिया से कहते हैं कि मैं एक तेरहवीं के कार्यक्रम में जा रहा हूं, आप सब भी चलें। कमलनाथ फिर उस बात को दोहराते हैं जिसमें वो कहते है, मैं जो भी फैसला लूंगा, बताऊंगा जरूर। लेकिन वो बीजेपी जाने की बात को इंकार नहीं करते।
शाम होते-होते सज्जन सिंह वर्मा कहते हैं कि कमलनाथ कहीं नहीं जाने वाले। वो लोकसभा की तैयारियों में जुटे हैं, कांग्रेस कैसे जीत सकती है इसको लेकर जातीय समीकरण बिठा रहे हैं। इन सबके बीच मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का बयान सामने आता है और वो कहते हैं , कमलनाथ कहीं नहीं जाने वाले हैं। उनका फोन आया था और उन्होंने सभी खबरों को अफवाह बताया है।
सुबह बंगले में समर्थकों का जमावड़ा
सोमवार को सुबह बड़ी संख्या में कमलनाथ के बंगले पर उनके समर्थकों का जमावड़ा लग जाता है और फिर मुलाकात होती है। कमलनाथ से करीब 30 मिनट मुलाकात के बाद बाहर आकर कमलनाथ समर्थक कहतें हैं कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं। नकुलनाथ कांग्रेस के टिकट पर छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ेंगे। जो सज्जन सिंह वर्मा दो दिन पहले कह रहे थे, कमलनाथ बीजेपी में जाएंगे वो कहते दिखाई दिए कि उन्होंने इंदिरा गांधी के साथ काम किया है, वो उन्हें तीसरा बेटा मानती थी। उनके बीजेपी में जाने का सवाल ही नहीं उठता है। मीडिया के काल्पनिक सवालों का कमलनाथ क्यों जवाब दें ? और उन्हें देने की जरूरत भी नहीं है।
सब ऑल इस वेल
सज्जन सिंह वर्मा और जीतू पटवारी के बयान सामने आने के बाद कमलनाथ समर्थकों के सुर बदलते नजर आए जो ये कह रहे थे कि कमलनाथ को पार्टी में सम्मान नहीं मिल रहा। वो कहते सुनाई दिए कि कमलनाथ कहीं नहीं जाएंगे वो इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे हैं सब ऑल इज वेल है।
एमपी कांग्रेस के विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ कांग्रेस से बीजेपी में जा रहे है थे ये दिल्ली से उन्हें बता दिया गया था। जिसके बाद वो कांग्रेस विधायकों को एकजुट करने में जुट गए थे। सभी विधायकों को फोन भी लगाया जाता है और मंगलवार को भोपाल आने को कहा जाता है। फोन पर विधायकों को भविष्य का सियासी डर दिखाया जाता है और बताया जाता है कि कैसे पिछले 4 साल में सिंधिया के साथ गए और अभी कांग्रेस के 55 नेताओं का क्या हाल है।
बीजेपी में कमलनाथ के शामिल होने का विरोध पार्टी के अंदर शुरू होने के बाद कमलनाथ परिवार में ये फैसला होता है कि नकुलनाथ बीजेपी में जाएं और कमलनाथ कांग्रेस में ही रहें लेकिन कांग्रेस आलाकमान साफ कर देता है कि पार्टी में रहना है तो दोनों रहें नहीं तो दोनों नहीं। जिसके बाद फैसला लिया जाता है कि कमलनाथ और नकुलनाथ पार्टी नहीं छोड़ेंगे।
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