रायपुर- आखिरकार चुनावी साल में मध्यप्रदेश कांग्रेस की कमान वरिष्ठ नेता कमलनाथ के हाथों में आ गई. आलाकमान ने चुनावी साल में कमलनाथ की प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर ताजपोशी कर दी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. जीतू पटवारी, बाला बच्चन, रामनिवास रावत और सुरेंद्र चौधरी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की मंजूरी के बाद राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने नियुक्ति का औपचारिक आदेश जारी कर दिया है.
चुनाव के करीब छह महीने पहले कमलनाथ को मध्यप्रदेश कांग्रेस के कमान सौंपने के कई सियासी मायने नजर आ रहे हैं. कमलनाथ को एमपी की कमान सौंपे जाने से सबसे बड़ा झटका दिग्विजय सिंह को लगा है. हाल ही में मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा निकाले जाने के बाद कांग्रेस में सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे थे. नर्मदा यात्रा के दौरान दिग्विजय सिंह से करीब 3300 किलोमीटर की यात्रा की थी. इस दौरान 100 विधानसभाओं में जनता से मुलाकात भी की. माना जा रहा था कि इस यात्रा के जरिए दिग्विजय सिंह प्रदेश की राजनीति में खुद को प्रासंगिक बताने की कोशिश कर रहे हैं.
कांग्रेस आलाकमान की ओर से औपचारिक ऐलान होने के बाद कमलनाथ ने ट्वीट किया और कहा कि-
मुझे प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसके लिए मैं प्रतिबद्धता, साहस और आपसी तालमेल के साथ बीजेपी और गैर धर्मनिरपेक्ष ताकतों की हार सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ काम करूंगा. सोनिया गांधी जी और श्री राहुल गांधी जी आपके विश्वास के लिए कोटि-कोटि धन्यवाद
बता दें कि कमलनाथ को एमपी की कमान मिलने के बाद उनके सामने सबसे बड़ी परीक्षा विधानसभा चुनाव की होगी. चार बार केंद्रीय मंत्री रह चुके कमलनाथ फिलहाल पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं. 34 साल की उम्र में पहली बार चुनाव जीतकर कमलनाथ सांसद बने थे. पिछले नौ बार से लगातार छिंदवाड़ा से वह सांसद बनते रहे हैं.